जयपुर: राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम द्वारा यात्रियों को स्वच्छ, सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा अनुभव देने के उद्देश्य से एक नई पहल की गई है. ‘‘मेरी बस मेरी जिम्मेदारी’’ योजना के सकारात्मक परिणामों के बाद अब "मेरा बस स्टैण्ड मेरी जिम्मेदारी" व्यवस्था लागू की गई है.
इस योजना के तहत प्रदेश भर के बस स्टैण्डों पर मूलभूत जन सुविधाओं की उपलब्धता और रखरखाव सुनिश्चित किया जाएगा.इस योजना में सभी बस स्टैण्डों को उनकी भौगोलिक स्थिति, यात्री भार और उपलब्ध स्थान के आधार पर तीन श्रेणियों-‘अ’, ‘ब’ और ‘स’ में विभाजित किया गया है. निगम ने 10 बस स्टैण्डों को A श्रेणी, 24 को B श्रेणी तथा 44 ऑपरेशनल और 57 नॉन-ऑपरेशनल बस स्टैण्डों को C श्रेणी में वर्गीकृत किया है.
योजना के तहत प्रत्येक श्रेणी के अनुसार बस स्टैण्डों पर शौचालय, पेयजल, यात्री प्रतिक्षालय, बैठने के लिए कुर्सियां, पंखे, रंग-रोगन, साफ-सफाई, बिजली व्यवस्था, पुलिस चौकी, वात्सल्य कक्ष, मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट, क्लॉक रूम, सीसीटीवी कैमरे, अग्निशमन यंत्र, डस्टबिन, बस बे, जल निकासी, पार्किंग, विश्रामगृह सहित कुल 25 बिंदुओं पर मानक सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी.प्रत्येक आगार प्रभारी को अपने अधीनस्थ बस स्टैण्डों को स्वच्छ एवं सुव्यवस्थित रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. वहीं, जोनल स्तर से लेकर राज्य स्तर तक सभी व्यवस्थाओं की निगरानी और मूल्यांकन किया जाएगा.
मुख्य प्रबंधकों को यह निर्देश दिए गए हैं कि आवश्यक सुविधाएं विकसित करने के लिए भामाशाहों, दानदाताओं, औद्योगिक संस्थानों से CSR फंड, साथ ही सांसद-विधायक कोष और स्थानीय प्रशासन की योजनाओं से अनुदान प्राप्त करने के प्रयास करें. यदि इसके बाद भी अनुदान संभव न हो तो 30 जून 2025 तक अनुमानित लागत के प्रस्ताव मुख्यालय को भेजे जाएं.
योजना के अनुसार, सभी अनिवार्य सुविधाएं 7 सितंबर 2025 तक उपलब्ध कराई जानी हैं. इसके बाद 15 सितंबर तक मूल्यांकन कर बस स्टैण्डों को अंक दिए जाएंगे. इसमें श्रेणीवार प्रत्येक बिंदु पर 3 अंक और विशेष सुधार कार्यों के लिए अधिकतम 4 अंक निर्धारित किए गए हैं.बेहतर कार्य करने वाले प्रभारियों और मुख्य प्रबंधकों को जोनल व राज्य स्तर पर सम्मानित किया जाएगा.
साथ ही, भामाशाहों को भी राज्य स्तर पर सम्मानित करने की योजना है.निगम का यह प्रयास न केवल यात्रियों को राहत देगा, बल्कि रोडवेज की छवि को भी सशक्त करेगा. बेहतर सुविधाओं और स्वच्छता के चलते यात्रियों का रुझान सरकारी बस सेवा की ओर बढ़ेगा, जिससे निगम को आर्थिक लाभ भी प्राप्त हो सकेगा. यह योजना "स्वच्छ भारत" और "स्मार्ट यात्रा" की दिशा में एक सकारात्मक पहल मानी जा रही है.