संघ प्रमुख मोहन भागवत ने जताई शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र की मौजूदा स्थिति पर चिंता, कहा-ये दोनों बुनियादी जरूरतें अब महंगी हो गई

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने जताई शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र की मौजूदा स्थिति पर चिंता, कहा-ये दोनों बुनियादी जरूरतें अब महंगी हो गई

इंदौर: संघ प्रमुख मोहन भागवत का इंदौर प्रवास हैं. इंदौर में एक कैंसर अस्पताल के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र की मौजूदा स्थिति पर चिंता जताई. मोहन भागवत ने कहा कि ये दोनों बुनियादी जरूरतें अब महंगी हो गई और सामान्य व्यक्ति की पहुंच से दूर हो रही है. ज्ञान के युग में शिक्षा अत्यंत आवश्यक है. इसके लिए आदमी अपना घर तक बेच देगा, लेकिन वह अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाना चाहेगा. इसी तरह, स्वास्थ्य के लिए भी व्यक्ति अपनी पूरी जमा पूंजी लगाने को तैयार होता है, ताकि उसका इलाज अच्छी जगह हो सके.

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि समाज में सबसे अधिक आवश्यकता शिक्षा और स्वास्थ्य की, लेकिन वर्तमान में ये दोनों ही सेवाएं न तो सस्ती हैं और न ही सहज-सुलभ. पहले इन क्षेत्रों को सेवा का माध्यम माना जाता था. अब इन्हें पूरी तरह व्यावसायिक रूप दे दिया गया. संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि यह नहीं कहा जा सकता कि स्कूल और अस्पताल नहीं बढ़ रहे, बल्कि इनकी संख्या लगातार बढ़ रही. लेकिन विचार करने पर पता चलता है कि ये आम आदमी की पहुंच से इसलिए दूर हो जाते हैं. क्योंकि पहले शिक्षा और स्वास्थ्य को सेवा का कार्य माना जाता था. अब यह कारोबार का रूप ले चुके हैं. जब शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवसाय बन जाते हैं. तो वे स्वतः ही आम लोगों की आर्थिक क्षमता से बाहर हो जाते हैं.

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत की शिक्षा व्यवस्था अब 'ट्रिलियन डॉलर' का बिजनेस बन चुकी है. जब कोई क्षेत्र इतना बड़ा व्यवसाय बन जाता है. तो वह सामान्य व्यक्ति की पहुंच से बाहर हो जाता है. शिक्षा और स्वास्थ्य सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण संदेश के रूप में देखा जा रहा. खासकर ऐसे समय में जब देशभर में निजी स्कूलों और अस्पतालों की बढ़ती फीस और इलाज के महंगे खर्च पर बहस जारी है.