नागपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने बृहस्पतिवार को कहा कि जी 20 की अध्यक्षता भारत को मिलना कोई सामान्य उपलब्धि नहीं है और दुनिया को अब भारत की जरूरत है.
उन्होंने यहां आरएसएस मुख्यालय में ‘संघ शिक्षा वर्ग’ या तृतीय वर्ष के अधिकारियों के प्रशिक्षण शिविर के समापन समारोह में कहा कि दुनिया को अब भारत की जरूरत है वैश्विक चर्चा में भारत का नाम है और भारतीयों को भी भरोसा हो गया है कि वे दुनिया का नेतृत्व कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि जी20 की अध्यक्षता भारत को मिलना कोई सामान्य बात नहीं है. लेकिन यह सिर्फ शुरुआत है और हमें अभी लंबा सफर तय करना है और समूचे समाज को भारत को ‘विश्व गुरु’ बनाने की दिशा में काम करना है. उन्होंने कहा कि हिंदुत्व उपासना की एकल पद्धति नहीं है.
विविधताएं उसी एकता की विविध अभिव्यक्तियां हैं:
उन्होंने कहा कि हम विविधता के साथ रह सकते हैं, सभी विविधताएं एक साथ रह सकती हैं, क्योंकि विविधताएं उसी एकता की विविध अभिव्यक्तियां हैं. जो इसे समझता हो, वही हिन्दू है. भागवत ने आगाह किया कि आज भी ‘‘कुछ क्रूर शक्तियां और उनके एजेंट हैं, जो यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं कि भारत टूट जाए और प्रगति न करे. सोर्स-भाषा