VIDEO: फैक्ट्री में चल रही गाड़ियों पर RTO जयपुर प्रथम ने की बड़ी कार्रवाई, परिवहन विभाग के कार्यालय पर उमड़ पड़ी लोगों की भारी भीड़, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: आरटीओ जयपुर प्रथम की ओर से फैक्ट्री में चल रही गाड़ियों पर की गई बड़ी कार्रवाई के बाद सोमवार को शुरू हुए विशेष परमिट कैंप में परिवहन विभाग के कार्यालय पर लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. कैंप के पहले ही दिन सौ से अधिक बस मालिकों ने अपने सिटी परमिट सरेंडर करने की अर्जी लगा दी. यह सभी अब फैक्ट्री परमिट लेने की प्रक्रिया में हैं.

दरअसल, जयपुर शहर में लंबे समय से बड़ी संख्या में बसें फैक्ट्री में यात्रियों को लेकर आवाजाही कर रही थीं, लेकिन इनमें से अधिकांश के पास सिटी परमिट था, जबकि कानूनन इन्हें फैक्ट्री परमिट लेना जरूरी है. सिटी बस परमिट का मासिक टैक्स मात्र 350 रुपये है, जबकि फैक्ट्री परमिट का मासिक टैक्स 10 से 14 हजार रुपये तक होता है. इस अंतर के चलते परिवहन विभाग को हर महीने करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा था.आरटीओ प्रथम राजेंद्र सिंह शेखावत ने इस गड़बड़ी पर सख्त रुख अपनाते हुए पहली बार इस कर चोरी को पकड़ा. 

जांच में सामने आया कि शहर में करीब 500 से अधिक बसें बिना फैक्ट्री परमिट के दौड़ रही थीं. इसके बाद विभाग ने न सिर्फ विशेष अभियान चलाया बल्कि बस मालिकों को कड़ा संदेश दिया कि नियमों से बाहर अब कोई संचालन बर्दाश्त नहीं होगा.कार्रवाई के बाद बस ऑपरेटरों में हड़कंप मच गया है. अब तक 50 से अधिक बस मालिक रीजन और फैक्ट्री परमिट ले चुके हैं. वहीं सोमवार को ही 100 से अधिक आवेदक आरटीओ कार्यालय पहुंचे और फैक्ट्री परमिट की प्रक्रिया शुरू की.

आरटीओ प्रथम ने बताया कि 30 सितंबर तक विशेष अभियान चलाया जाएगा. इस दौरान बिना फैक्ट्री परमिट वाली बसों पर सख्त कार्रवाई होगी. अब तक विभाग ने 30 से अधिक बसें जब्त कर बंद की हैं. इसके अलावा चार विशेष फ्लाइंग स्क्वॉड लगातार शहर में गश्त कर रही हैं और नियम तोड़ने वालों पर तुरंत कार्रवाई कर रही हैं.इस कार्रवाई से जहां विभाग को हर महीने लाखों रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा, वहीं फैक्ट्री परमिट लेने से बसों के संचालन पर भी निगरानी कड़ी होगी. विभाग का मानना है कि लंबे समय से चली आ रही यह व्यवस्था कर चोरी और नियम उल्लंघन को बढ़ावा दे रही थी.बस ऑपरेटरों में इस सख्ती को लेकर नाराज़गी भी देखी जा रही है.

 

उनका कहना है कि अचानक की गई कार्रवाई से संचालन प्रभावित हुआ है. वहीं, आमजन और फैक्ट्री प्रबंधन ने परिवहन विभाग की पहल का स्वागत किया है. उनका कहना है कि इस कदम से अव्यवस्था पर रोक लगेगी और सुरक्षित व कानूनी ढंग से बस संचालन हो सकेगा.परिवहन विभाग की यह पहल अब पूरे प्रदेश के लिए एक मिसाल मानी जा रही है. यदि अन्य जिलों में भी इसी तरह की जांच और अभियान चलाए जाएं तो करोड़ों रुपये का राजस्व राज्य सरकार को मिल सकता है और कर चोरी पर अंकुश लगेगा.