जयपुरः इस मानसून के सीज़न में प्रदेश में रिकार्ड बारिश हुई है, कई इलाकों में बाढ़ के हालात भी बने. लेकिन SDRF ने भारी बारिश के दौर में अपनी ख़ास भूमिका निभाते हुए सैकड़ों लोगों की जान बचाई है.
मानसून सत्र 2024 के दौरान कमांडेंट राजेंद्र सिंह सिसोदिया के निर्देशन में एसडीआरएफ की रेस्क्यू टीमों ने 287 रेस्क्यू ऑपरेशन कर 606 व्यक्तियों के साथ 115 बेजुबान पशुओं को सुरक्षित रेस्क्यू कर नदी-नालों में पानी के तेज बहाव में बहे एवं कुओं-बावड़ियों आदि में डूबे 235 व्यक्तियों के शवों को तलाश करने में सफलता हासिल की है. एसडीआरएफ के कमांडेंट सिसोदिया ने बताया कि राज्य में संभावित वर्षा एवं बाढ़ से होने वाली आपदा की स्थिति में आपदा राहत एवं बचाव कार्य के लिए राज्य आपदा प्रतिसाद बल की रेंज मुख्यालय पर स्थित आठ कंपनियों की 51 रेस्क्यू टीमों को 31 जिलों में नियोजित किया गया था. इन रेस्क्यू टीमों द्वारा 25 जून से 4 नवंबर 2024 तक उनके निर्देशन में कुल 287 रेस्क्यू ऑपरेशनों को अंजाम दिया. इन रेस्क्यू ऑपरेशंस में एसडीआरएफ की रेस्क्यू टीमों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फंसे 606 व्यक्तियों को जीवित रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. साथ ही 235 मृत व्यक्तियों की शवों को बरामद कर स्थानीय प्रशासन को सुपुर्द किए गए. इस सत्र में रेस्क्यू टीमों ने 115 पशुओं को भी जीवित रेस्क्यू कर मानवता का परिचय दिया है. एसडीआरएफ की रेस्क्यू टीमों द्वारा मानसून सत्र में कई महत्वपूर्ण रेस्क्यू ऑपरेशन किए गए हैं.
मानसून के दौरान SDRF का समन्वय भी बहुत अच्छा रहा है, अलग अलग जिलों से आपदा की सूचना मिलते ही SDRF की टीमों ने जल्द से जल्द मौके पर पहुँच कर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया, कमांडेट राजेन्द्र सिंह सिसोदिया के नेतृत्व में SDRF ने अधिकतर रेस्क्यू ऑपरेशन में सफलता हासिल की है.
बटालियन मुख्यालय गाड़ोता पर तैनात ए कंपनी की रेस्क्यू टीम ए-4 ने 16 अगस्त 2024 को जिला दूदू के थाना फागी अंतर्गत समेलिया गांव के महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय में फंसे 39 विद्यार्थियों एवं 8 शिक्षकों को जीवित रेस्क्यू किया.
रिजर्व पुलिस लाइन जिला बारा में तैनात बी कंपनी कोटा की रेस्क्यू टीम बी-4 ने 12 सितंबर 2024 को थाना केलवाड़ा के अंतर्गत भैहिषासुर नदी के तेज बहाव के कारण टापू बने गांव खण्डेला में फंसी प्रसूता, नवजात एक परिजन को जीवित रेस्क्यू किया.