जयपुर : प्रदेश में बरसात का सीजन समाप्त होने के साथ ही मौसमी बीमारियां एक्टिव मोड में आ गई है. राजधानी जयपुर समेत प्रदेशभर में मौसमी बीमारियां घर-घर में दस्तक दे रही हैं. इस दौरान सर्वाधिक स्प्रेड स्क्रब टायफास देखा जा रहा है, जिसके एकाएक मरीज बढ़ने शुरू हो गए है. इसके अलावा डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की बढ़ती संख्या ने भी चिकित्सा विभाग में डाल दिया है. आखिर राजस्थान में मौसमी बीमारियों का क्या है रिपोर्ट कार्ड और फील्ड की स्थिति.
मानसून के बाद मौसमी बीमारियों की सक्रियता आमबात है, लेकिन इस बार अच्छी बरसात से बीमारियों की आहट काफी चिंतनीय नजर आ रही है. एसएमएस समेत प्रदेशभर के अस्पतालों की ओपीडी में इसकी बानगी देखी जा सकती है. मौजूदा हालात पर नजर दौड़ाए तो सर्दी,खांसी, बुखार के साथ ही स्क्रब टायफास, डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की बढ़ती संख्या से चिकित्सा विभाग अलर्ट मोड पर है. हालांकि विभाग का दावा है कि मौसमी बीमारियों को देखते हुए फील्ड में काफी बेहतर तैयारियां है, लेकिन सूबे के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल में ही लचर व्यवस्थाएं मरीजों का दर्द बढ़ा रही है.
किस बीमारी का क्या है मौजूदा सरकारी आंकड़ा
बीमारी :::::::::::: इस साल सामन आए केस
स्क्रब टायफस : 1965
डेंगू : 1182
मलेरिया : 791
चिकनगुनिया : 220
(बड़ी बीमारियों के लक्षण और बचाव)
डेंगू के ये लक्षण : अचानक बुखार आना, सिर में आगे की तरफ तेज दर्द, आंखों के पीछे व आंखों के हिलने में दर्द, मांसपेशियों जोड़ों में दर्द, स्वाद का पता न चलना व भूख न लगता
डेंगू से बचाव : घर में मच्छरों को न पनपने दें....किसी भी जगह पानी एकत्र न होने दें....पूरे शरीर को ढककर रहे....बीमारी के लक्षण दिखने पर तत्काल चिकित्सक से सम्पर्क करें
स्वाइन फ्लू के ये लक्षण : तीन से चार दिन तक खांसी, जुखाम, बुखार, सांस लेने में कठिनाई, उल्टी, दस्त, पेटदर्द, बलगम में रक्त आना, नाखूनों में नीलापन
स्वाइन फ्लू से बचाव : भीडभाड वाले स्थान पर जाने से बचे, यदि किसी भी तरह के लक्षण नजर आए तो तत्काल चिकित्सक से परामर्श ले....
स्क्रब टाइफस के ये लक्षण : सर्दी लगकर अचानक बुखार आना, सिर में दर्द, शरीर के ऊपर दाने, आंखों में जलन, मांसपेशियों में दर्द, सूखी खासी,
स्क्रब टाइफस से बचाव : यह बीमारी माइट या पिस्सू के काटने से फैलती है...ऐसे में जरूरी है कि खेतों में काम करते वक्त पूरी बाहों के कपड़े पहने, कीटों से बचाने वाली क्रीम त्वचा पर लगाए. घर या घर के आसपास चूहे ना होने दें. क्योंकि, चूहों के शरीर पर वे कीट रहते है, जिनसे स्क्रब टाइफस बैक्टीरिया फैलते है.....
मलेरिया के ये लक्षण : बुखार, पसीना आना, शरीर में दर्द और उल्टी आना
मलेरिया से बचाव : अपने आस-पास गंदगी और पानी इकठ्ठा न होने दें....बुखार जैसे लक्षण दिखते ही तत्काल चिकित्सक से परामर्श लें
मौसमी बीमारियों की तैयारियां को लेकर लाख दावे दिए जा रहे हो, लेकिन एसएमएस अस्पताल में हालात ये है कि मरीजों की बढ़ती संख्या के बावजूद अभी तक डेडिकेटेड ओपीडी शुरू नहीं हो पाए है. नतीजन, अव्यवस्थाओं के चलते अस्पताल के ओपीडी में मरीज बेबस और लाचार नजर आ रहे है.