जयपुर: कोटा से सत्तर किमी दूर पीपलदा विस क्षेत्र में बूढ़ादीत ग्राम में स्थित प्रदेश के एकमात्र अस्ताचल सूर्य मंदिर को पर्यटन मानचित्र पर उभारने के लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार की जा रही है. पिछले दिनों पर्यटन विभाग के संयुक्त निदेशक राजेश कुमार शर्मा ने करीब 1200 वर्ष पुराने सूर्य मंदिर का मौका निरीक्षण कर प्रोजेक्ट की डीपीआर को अंतिम रूप देने के लिए मंदिर परिसर का गहनता से जायजा लिया.
प्रदेश के एकमात्र अस्ताचल सूर्य मंदिर को पर्यटन मानचित्र पर उभारने के लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार की जा रही है. संयुक्त निदेशक राजेश शर्मा ने इसके लिए मंदिर के इतिहास, शिल्प कला की विस्तृत जानकारी लेते हुए मंदिर में धार्मिक श्रद्धालुओं व पर्यटकों के लिए आवश्यक सुविधाओं सहित पर्यटन विकास कार्यों की जरूरतो को लेकर संबंधितो से जानकारी जुटाई . दरअसल लोक सभा अध्यक्ष ओम बिड़ला की पहल पर केंद्र सरकार की प्रसाद योजना के तहत तहत सूर्य मंदिर को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने के लिए 28 नवम्बर को सर्वे किया गया था.
मंदिर की प्राचीनता तथा दुर्लभ शिल्प कला को देखते हुए प्रोजेक्ट की विस्तृत कार्य योजना को अंतिम रूप देने के लिए पर्यटन विभाग के संयुक्त निदेशक विकास जयपुर से कोटा पर्यटन कार्यालय के सहायक निदेशक संदीप श्रीवास्तव, पुरातत्व विभाग से चौरसिया, पर्यटन सलाहकार कंपनी पीडी कोर कन्सलटेंट रजत बेरीवाल के साथ बूढ़ादीत सूर्यमंदिर पहुँचे थे. अब तक कई राउण्ड में मंदिर का सर्वे कार्य पूरा कर लिया गया है. अब इसके बाद डीपीआर रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जाकर राज्य सरकार के अनुमोदन के बाद स्वीकृति के लिए केन्द्र सरकार को भिजवाया जाएगा.
मंदिर को धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में उभारने की दृष्टि से केंद्रीय सरकार की स्वीकृति के बाद कार्य शुरू होंगे. संयुक्त निदेशक पर्यटन विकास राजेश कुमार शर्मा ने सरपंच भैरूलाल सुमन व मंदिर के विकास के लिए प्रयासरत आदित्य सेवा समिति के सदस्यों नरेंद्र सुमन, शिवप्रकाश, परमानंद गोस्वामी, मुकेश गुजराती, गोरी शंकर मीणा तेजमल सुमन सहित प्रबुद्ध जनों के साथ प्रोजेक्ट के अपेक्षित कार्यों के विषय में विस्तृत चर्चा की.
ऐतिहासिक महत्व के धार्मिक स्थलों को सरकार की “तीर्थ स्थल कायाकल्प और आध्यात्मिक विरासत संवर्धन अभियान के अंतर्गत केन्द्र सरकार के समन्वय से राज्य के ऐतिहासिक महत्व के प्रमुख धार्मिक तीर्थ स्थलों व मंदिरों का सर्वे कर इन स्थानों पर धार्मिक पर्यटकों के लिए आधारभूत सुविधाओं के विकास कर इन्हें पर्यटन मानचित्र पर लाने के लिए प्रोजेक्ट तैयार किये जा रहे हैं.इसी शृंखला में भगवान सूर्य का एतिहासिक बूढ़ादीत मंदिर चयनित किया गया है. इस प्रोजेक्ट के क्रियान्वित होने से मंदिर व परिसर का स्वरूप तो निखरेगा ही साथ ही आगंतुक धार्मिक पर्यटकों के लिए आवश्यक आधारभूत सुविधाओं का विकास होने से श्रद्धालुओं व पर्यटकों का आगमन बढ़ेगा .इससे निश्चय ही पर्यटन के स्थानीय रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे.