शाह ने बिहार की महागठबंधन सरकार पर तुष्टीकरण की राजनीति, राज्य को अराजकता में धकेलने का आरोप लगाया

शाह ने बिहार की महागठबंधन सरकार पर तुष्टीकरण की राजनीति, राज्य को अराजकता में धकेलने का आरोप लगाया

हिसुआ (बिहार): केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार की महागठबंधन सरकार पर तुष्टीकरण की राजनीति करने और राज्य को अराजकता में धकेलने का आरोप लगाया. नवादा जिले के हिसुआ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए, शाह ने बिहारशरीफ और सासाराम में सांप्रदायिक हिंसा की जांच करने में विफल रहने के लिए राज्य सरकार की आलोचना की और जोर देकर कहा कि अगर मोदी 2024 में सत्ता में लौटे और भाजपा ने राज्य में अगली सरकार बनाई, तो दंगाइयों को उल्टा लटका दिया जाएगा. गौरतलब है कि हाल के दिनों में राज्य में हुई सांप्रदायिक हिंसा की घटना के कारण शाह को सासाराम की अपनी यात्रा रद्द करने के लिए मजबूर होना पड़ा था.

भाजपा के प्रमुख रणनीतिकार माने जाने वाले शाह ने जनसभा में अनुच्छेद 370 को खत्म करने और अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण जैसी मोदी सरकार की "उपलब्धियों" का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि नीतीश की पार्टी जद (यू) और उनके सहयोगी राजद ने अयोध्या में राम मंदिर बनाए जाने का विरोध किया था.

उन्होंने जद (यू) और राजद पर अल्पसंख्यकों के तुष्टिकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि इसने देश में आतंकवाद को फलने-फूलने में मदद की. शाह ने जद (यू) के वरिष्ठ नेता नीतीश और राजद प्रमुख लालू प्रसाद के बीच यह कहकर दरार पैदा करने की भी कोशिश की कि लालू प्रसाद को याद रखना चाहिए कि मोदी के सत्ता में लौटने के बाद, नीतीश उनके बेटे तेजस्वी यादव को राज्य की बागडोर सौंपने के अपने वादे से पीछे हट जाएंगे. उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों ने 2024 के लोकसभा चुनाव में राज्य की सभी 40 सीट पर भाजपा को जिताने का फैसला कर लिया है. उन्होंने कहा कि देश के लोगों ने तय कर लिया है कि नरेन्द्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे. सोर्स भाषा