शरद पवार अनुभवी नेता, उनके योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता- CM शिंदे

पुणे: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार की प्रशंसा करते हुए शनिवार को कहा कि सहकारी क्षेत्र में उनके (पवार के) योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.

एकनाथ शिंदे ने पुणे में वसंतदादा शुगर इंस्टीट्यूट (वीएसआई) की 46वीं वार्षिक आम बैठक में यह बात कही. इस मौके पर शरद पवार भी उनके साथ मंच पर मौजूद थे. शरद पवार वीएसआई के अध्यक्ष हैं.

सलाह देने के लिए वह अक्सर मुझे टेलीफोन करते हैं:
मुख्यमंत्री ने कहा कि शरद पवार राज्य और राष्ट्रीय स्तर के एक अनुभवी नेता हैं. सहकारी क्षेत्र में उनका योगदान बहुत बड़ा है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि लोगों के हित में और राज्य के कल्याण के लिए, जो भी सत्ता में है, पवार मार्गदर्शन और सुझावों के लिए हमेशा उपलब्ध रहते हैं. शिंदे ने कहा कि सुझाव और सलाह देने के लिए वह अक्सर मुझे टेलीफोन करते हैं. 

पूर्ण समर्थन देने का आश्वासन दिया:
शिंदे ने कहा कि सहकारिता क्षेत्र ने देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और इसके महत्व को समझते हुए केंद्र ने इस क्षेत्र के लिए एक अलग मंत्रालय का गठन किया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र में सहकारी क्षेत्र को पूर्ण समर्थन देने का आश्वासन दिया है.  एकनाथ शिंदे ने लाभ अथवा हानि की परवाह किए बिना संकट के समय भी अपनी सामाजिक जिम्मेदारी का पालन करने के लिए सहकारी क्षेत्र की सराहना की.

उपयोग इथेनॉल उत्पादन के लिए किया जाना चाहिए:
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार सहकारिता क्षेत्र के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि अगले कुछ वर्षों में कुल 2.5 लाख हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि को सिंचित भूमि में बदला जाएगा. इस अवसर पर शरद पवार ने कहा कि चीनी के कारखानों को मजबूत करने और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए चीनी के अलावा अन्य उत्पादों के उत्पादन पर ध्यान देना समय की आवश्यकता है. राकांपा प्रमुख ने कहा कि अतिरिक्त चीनी का उपयोग इथेनॉल उत्पादन के लिए किया जाना चाहिए. 

आलोचकों को अपने काम से जवाब देंगे:
एकनाथ शिंदे ने इस कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा कि महाराष्ट्र सरकार राज्य में उद्योग स्थापित करने के इच्छुक निवेशकों को बेहतर बुनियादी ढांचा और सब्सिडी मुहैया कराएगी. उन्होंने कहा कि दावोस में निवेशकों ने भारत और महाराष्ट्र में रुचि दिखाई है और उन्हें विश्वास है कि हमारे यहां परिस्थितियां निवेशकों के अनुकूल हैं, क्योंकि निवेश की बहुत गुंजाइश है. शिंदे ने कहा कि वह आलोचकों को अपने काम से जवाब देंगे. सोर्स-भाषा