ऊपर स्काई वॉक-वे, नीचे ग्रीन कॉरिडोर ! SMS की प्रमुख बिल्डिंगों से IPD टावर की होगी कनेक्टिविटी

जयपुरः SMS अस्पताल के IPD टावर को लेकर मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई. बैठक के बाद खींवसर ने कहा कि IPD टावर 24 मंजिला ही बनेगा. इस टावर की SMS की प्रमुख बिल्डिंगों से भी कनेक्टिविटी होगी. इसके लिए टावर और प्रमुख बिल्डिंगों के बीच स्काई वॉक वे बनेगा. 

ताकि दूसरी बिल्डिंग में इलाज के लिए मरीजों को नीचे नहीं ले जाना पड़े. साथ ही अस्पताल में नीचे के सभी रास्तों को सुगम किया जाएगा. ताकि, एम्बुलेंस समेत अन्य वाहनों का आसानी से मूवमेंट किया जा सके. 

IPD टावर का बदला गया नामः
वहीं इस बैठक में देश की सबसे ऊंची मेडिकल इमारत का नाम बदला गया है. IPD टावर अब 'आयुष्मान' टावर कहलाएगा. चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर की अध्यक्षता में आयोजित हुई बैठक में इसको लेकर फैसला किया गया. बैठक के बाद मंत्री चिकित्सा मंत्री ने कहा कि IPD टावर का बदला गया नाम है. 

कुल 1800 गाड़ियों की होगी पार्किंगः
अब IPD टावर को आयुष्मान टावर के नाम से जाना जाएगा. इससे पहले इसका नाम IPD टावर रखा गया था लेकिन अब इसे बदला गया है. इसके साथ ही IPD टावर में अब कुल 1800 गाड़ियों की पार्किंग होगी. इसके लिए करीब 150 करोड़ रुपए की अतिरिक्त दरकार है. अतिरिक्त बजट के लिए वित्त मंत्री दीया कुमारी को पत्र लिखा जा रहा है. 

पिछली सरकार प्रोजेक्ट लाई. लेकिन ये तब नहीं देखा कि पार्किंग की व्यवस्था क्या होगी. हमने जरूरत को समझा, पहले 600 पार्किंग की प्लानिंग की थी. अब इसका दायरा बढ़ाते हुए कुल 1800 गाड़ियों की पार्किंग बनेगी. इस प्रोजेक्ट के बाद पूरे SMS की गाड़ियां एक ही जगह पार्क हो सकेगी.

महाराजा कॉलेज की खाली जमीन का हो सकता है उपयोगः
खींवसर ने कहा कि प्रोजेक्ट के लिए अतिरिक्त जमीन की जरूरत है. जेएलएन-टोंक रोड को कनेक्ट करने वाली सड़क का उपयोग किया जाएगा. मौजूदा सड़क को पार्किंग के लिए उपयोग में लेने पर विचार किया गया है. महाराजा कॉलेज की खाली जमीन का भी उपयोग किया जा सकता है. इस जमीन के बदले मुआवजा या अन्य सुविधाएं विकसित की जाएगी. सरकार की जमीन सरकार लें, तो कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए. बता दें कि इस जमीन को लेकर पहले भी प्रयास किए गए थे. लेकिन तब गोखले छात्रावास के स्टूडेंट्स का विरोध शुरू हो गया था. इसके बाद आरयू प्रशासन ने भी जमीन देने से इनकार किया था.