फिर सवालों के घेरे में एसएमएस की आग ! SMS मेडिकल कॉलेज माइक्रोबायोलॉजी लैब में लगी भीषण आग, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: राजस्थान के सबसे बड़े एसएमएस मेडिकल कॉलेज में अलसुबह अचानक लगी आग ने पूरे प्रशासन की कार्यशैली पर एकबार फिर सवाल खड़ा कर दिया.कॉलेज की माइक्रोबायोलॉजी लैब के कोल्ड स्टोरेज में विस्फोट के बाद आग लगी और देखते ही देखते उसने विकराल रूप ले लिया.सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस और अग्निशमन की गाड़ियों ने करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया.घटना की जानकारी मिलने पर चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर भी कॉलेज पहुंचे और पूरी घटनाक्रम की जांच के निर्देश दिए.

एसएमएस मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलॉजी लैब के कोल्ड स्टोरेज में सुबह अचानक साढ़े चार बजे आग लगी.घटना के वक्त लैब में चिकित्सक व अन्य स्टॉफ नाइट ड्यूटी पर थे.आग और धुआं के चलते जैसे ही अलार्म बजा तो पूरे कॉरिडोर में हड़कम्प मच गया.चौकीदार सुभाष ने फायर ब्रिगेड और पुलिस को जानकारी दी. इस पर फायर ब्रिगेड की 3 गाड़ियां मौके पर पहुंची। आग का विकराल रूप देख कर पुलिस ने सिविल डिफेंस को भी मौके पर बुलाया. करीब 3 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका.घटना की जानकारी मिलने पर चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर भी कॉलेज पहुंचे.उन्होंने अतिरिक्त मुख्य सचिव मेडिकल शुभ्रा सिंह, चिकित्सा शिक्षा आयुक्त शिवप्रसाद नकाते के साथ घटनास्थल का जायजा लिया.इस दौरान खींवसर ने कहा कि प्रथमदृष्टा शॉर्ट सर्किट से आग लगने की बात सामने आई है.पूरे घटना की जांच के निर्देश दिए है, ताकि वास्तविकता सामने आ सके.

SMS मेडिकल कॉलेज की लैब में आग लगने से जुड़ी खबर:
-घटनाक्रम की जांच के लिए छह सदस्यीय कमेटी का गठन
-चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के निर्देश पर कमेटी गठित
-अतिरिक्त प्राचार्य डॉ भारती मल्होत्रा,डॉ अमिताभ दुबे,डॉ गोवर्धन मीणा,
-डॉ बीएल कुमावत, माइक्रोबायोलॉजी HOD डॉ एस के सिंह,
-वित्तीय सलाहकार सुनील सोनी को किया गया कमेटी में शामिल
-घटना के कारणों की जांच व नुकसान के बारे में रिपोर्ट देगी कमेटी

कॉलेज प्रशासन के मुताबिक इस एडवांस लैब में टीबी, स्वाइन फ्लू और कोविड से जुड़ी एडवांस लेवल की जांच की जाती है.जिस जगह पर आग लगी वो कोल्ड स्टोरेज था.इसमें जांच की किट निर्धारित टेम्प्रेचर पर रखी जाती है.इसके अलावा कोविड की जीनोम सीक्वेंसिंग की जांच भी इसी लैब में की जाती थी. चिंता की बात ये है कि घटनास्थल के ठीक पास ही सात करोड़ रुपए लागत की कोबास मशीन भी मौजूद है.हालांकि, चिकित्सा मंत्री खींवसर ने दावा किया कि आग में सिर्फ कोल्ड स्टोरेज और एसी यूनिट को नुकसान हुआ है.लेकिन साथ ही ये भी कहा कि हालात सामान्य होने के बाद ही नुकसान का वास्तविक आंकलन हो पाएगा.

घटना के बाद एकबारगी एसएमएस समेत अन्य अस्पतालों के सैम्पलों की जांच प्रक्रिया ठप्प हो गई.लेकिन करीब दो घंटे बाद ही प्रशासन ने मुस्तैदी दिखाते हुए कोविड, स्वाइन फ्लू के सैम्पल आरयूएचएस भिजवाए.जबकि अन्य जांच सैम्पल भी एसएमएस अस्पताल की दूसरी लैब में शिफ्ट किए.हालांकि, इस घटनाक्रम ने एकबार फिर पूरे सिस्टम की कार्यशैली पर सवाल जरूर खड़े किए है.सबसे बड़ा सवाल ये है कि फायर फाइटिंग समेत अन्य सुरक्षा तंत्र पर भारी भरकम खर्च करने के बावजूद इस तरह की घटनाओं पर अंकुश क्यों नहीं लग पा रहा है?