जयपुरः चुनाव की तारीख घोषित नहीं करने के चलते निशाने पर रहने वाली आरसीए की एडहॉक कमेटी अब टीमों के कोचो के चयन को लेकर विवादों में है. आरसीए ने ऐसे खिलाड़ी को रणजी टीम का कोच नियुक्त कर दिया, जिसे कोचिंग का कोई अनुभव नहीं है. जब आरसीए की एडहॉक कमेटी के कन्वीनर जयदीप बिहाणी से पूछा - तो कह दिया रवि शास्त्री को कौनसा अनुभव था जब वे टीम इंडिया के कोच बने थे.
राजस्थान क्रिकेट संघ ने आगामी घरेलू सत्र के लिए अपनी विभिन्न टीमों के लिए कोच, ट्रेनर व फीजियो सहित अन्य सपोर्ट स्टाफ की तैनाती कर दी है, लेकिन सीनियर कोच के पद पर राजेश विश्नोई की नियुक्ति को लेकर विवाद हो गया है. दरअसल राजेश बिश्नोई पिछले सत्र तक राजस्थान से रणजी मैच खेलते थे, लेकिन अब उनको सीधे ही रणजी टीम का चीफ कोच बना दिया. राजेश को 158 मैच खेलने का तो काफी अनुभव है लेकिन कोचिंग के मामले में उनका अनुभव जीरो है. न उन्होंने कोई कोचिंग का कोर्स किया और न ही कभी किसी जूनियर टीम को कोचिंग दी. आरसीए एडहॉक कमेटी के कन्वीनर जयदीप बिहाणी से जब इस बारे में पूछा, तो उन्होंने बेतुका सा जवाब दिया और कहा कि रवि शास्त्री जब कोच बने थे तब उनको कौनसा अनुभव था. शायद बिहाणी को रवि शास्त्री के क्रिकेट कॅरिअर व उस स्तर की कोचिंग की जानकारी नहीं. बिहाणी ने तो यहां तक कह दिया कि टीम चयन के लिए हमारे पास बहुत सिफारिश आती है.
बिहाणी जब ऐसे उलूलजुलूल जवाब देने लगे तो कमेटी के सदस्य व पूर्ण रणजी क्रिकेटर रतन सिंह ने बात संभाली. रतन सिंह ने बिहाणी से कहा कि वे इसका जवाब देते है और फिर बताया कि किस आधार पर राजेश बिश्नोई का चयन हुआ. दरअसल रतन सिंह व राजेश बिश्नोई दोनों ही बीकानेर से आते है.
वहीं आरसीए के व्यवहार से खफा होकर दूसरे राज्यों से खेलने वाले अशोक मेनारिया व रवि विश्नोई ने फिर से राजस्थान से खेलने से मना कर दिया है. रतन सिंह ने कहा कि मैंने व्यक्तिगत रूप से उन दोनों से बात की थी और राजस्थान से खेलने का ऑफर दिया था लेकिन दोनेां ने ही खेलने से मना कर दिया.
मेनारिया व रवि ने तो फिर से राजस्थान आने से मना कर दिया, लेकिन आने वाले समय में आरसीए का व्यवहार ऐसे ही रहा तो कुछ अन्य खिलाड़ी भी दूससे राज्यों का रुख कर सकते है. वहीं सपोर्ट स्टाफ को लेकर जिला संघों में भी असंतोष उभरकर सामने आया है.