जयपुर(सत्यनारायण शर्मा): श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के संस्थापक सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. हमले में शामिल दोनों मुख्य शूटरों को राजस्थान पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस की स्पेशल टीमों ने चंडीगढ़ में एक शराब ठेके के ऊपर बने कमरे में छिपे दोनों हमलावरों रोहित राठौड़ और नितिन फौजी को पहले हिरासत में लिया. शुरुआती पूछताछ के बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया. इससे पहले राहुल और नितिन को फरार कराने में सहयोग करने वाले रामवीर को भी पुलिस ने
गिरफ्तार किया था.
सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या 5 दिसंबर की दोपहर 1 बजकर 21 मिनट पर जयपुर में हुई थी. दोनों हमलावर रोहित और नितिन फौजी शाहपुरा निवासी नवीन सिंह शेखावत को साथ लेकर सुखदेव सिंह से मिलने पहुंचे थे. श्याम नगर स्थित मकान में करीब 4 मिनट बातचीत करने के बाद दोनों हमलावरों ने अचानक गोलियां बरसा दी. ताबड़तोड़ गोलियां मारने से सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की मौके पर ही मौत हो गई. हमलावर जिस नवीन सिंह को साथ लेकर गए थे, उसकी भी हत्या कर दी. इस हत्याकांड की सूचना मिलते ही राजपूत समाज के लोग मैट्रो मास अस्पताल पहुंच गए और घटना के विरोध में छह दिसम्बर को राजस्थान बंद की घोषणा कर दी.
राजपूत समाज के नेताओं ने पुलिस को 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया और जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने इसे चुनौती के रूप में स्वीाकर किया.उधर डीजीपी उमेश मिश्रा ने एडीजी क्राइम दिनेश एमएन के नेतृत्व में एसआईटी का गठन कर आरोपियोंं को जल्द गिरफ्तार करने के निर्देश दिए.घटना के बाद जयपुर पुलिस ने कडी से कडी मिलाई और करीब तीन हजार सीसीटीवी कैमरो की फुटेज देखकर हरियाणा के महेन्द्रगढ से रामवीर जाट नामक युवक को गिरफ्तार कर लिया.रामवीर जाट शूटर नितिन फौजी का जिगरी दोस्त था और रामवीर ने ही नितिन फौजी के लिए जयपुर में सारी व्यवस्थाए उपलब्ध करवाई थी.
हरियाणा के महेन्द्रगढ से पकड में आए रामवीर जाट से पांच घंटे की पूछताछ में उद्यम सिंह नामक युवक का नाम सामने आया.उद्यम सिंह वो व्यक्ति था जो शूटर रोहित राठौड और नितिन फौजी की फरारी कटवाने में सहायता कर रहा था.बस फिर क्या था.जयपुर पुलिस टीमे निकल गई तीनों की तलाश में.पहले हिमाचल के मनाली और उसके बाद पुलिस टीम दिल्ली पुलिस की टीमो के साथ चंडीगढ पहुंच गई. तभी तीनो की एक्चुएल लोकेशन लोकेट हुई और पुलिस ने दोनों शूटरो को एक दुकान पर बने होटल से दबोच लिया.जिस समय यह
कार्रवाई हुई उस समय दोनो बदमाश चंडीगढ के एक कल्ब में जाने की तैयारी कर रहे थे. पुलिस अधिकारियों की माने तो इस पूरी कार्रवाई में दिल्ली, राजस्थान और चंडीगढ पुलिस की बेहतरीन तालमेल काम आया है.
इस पूरे हत्याकांड में गैंगस्टर रोहित गोदारा और वीरेन्द्र चारण का नाम सामने आया है.पुलिस अधिकारियो के मुताबिक हरियाणा के महेन्द्रगढ निवासी भवानी सिंह उर्फ रोनी रोहित गाेदारा और वीरेन्द्र चारण के सम्पर्क में था.भवानी सिंह ने ही शूटर नितिन फौजी की रोहित गोदारा और वीरेन्द्र चारण से मोबाइल पर बात करवाई थी और जयपुर में एक व्यक्ति की
हत्या करने के लिए तैयार किया था.भवानी सिंह ने ही नितिन फौजी को 28 नवम्बर काे टैक्सी से हरियाणा से जयपुर भिजवाया था.इस पूरे हत्याकांड में सबसे चौकाने वाली बात यह है की हत्याकांड से पहले शूटर नितिन फौजी और रोहित राठौड एक दूसरे को नही जानते थे.
पांच दिसम्बर काे हत्याकांड से महज एक घंटा पहले दोनो शूटरो को आपस में मिलवाया गया था और नवीन शेखावत इन दोनों को स्कार्पियों में बैठाकर सुखदेव सिंह गोगामेडी के घर ले गया था. जहां पर दोनो शूटरों ने सुखदेव की अंधाधुंध गोलिया मारकर हत्या कर दी. बहरहाल जयपुर पुलिस ने इस हत्याकांड का पर्दाफाश कर अपनी बेहतरीन कार्यप्रणाली का प्रमाण दिया है, लेकिन अभी भी इस हत्याकांड की गुत्थी सुलझाना बाकी है.क्योंकि हत्याकांड को अंजाम दिलवाने वाले रोहित गोदारा और वीरेन्द्र चारण पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.ऐसे में अब गिरफ्तार किए गए चारों बदमाशों से पूछताछ के बाद पुलिस अब आगे कदम बढाएगी.