ग्रहों के राजा सूर्य ने किया वृश्चिक राशि में प्रवेश, जानिए क्या पड़ेगा सभी 12 राशियों पर असर, ये करें उपाय

ग्रहों के राजा सूर्य ने किया वृश्चिक राशि में प्रवेश, जानिए क्या पड़ेगा सभी 12 राशियों पर असर, ये करें उपाय

जयपुर: ज्योतिष शास्त्र में सूर्य का विशेष स्थान है. सूर्य देव को सभी ग्रहों का राजा कहा जाता है. वे हर महीने राशि परिवर्तन करते हैं. इस गोचर का सभी राशियों पर प्रभाव पड़ता है. ग्रहों के राजा सूर्य 16 नवंबर 2024 को वृश्चिक राशि प्रवेश कर लिया है. सूर्य अपनी नीच राशि तुला से निकलकर अपनी मित्र राशि वृश्चिक में गोचर कर चुके हैं. इसके बाद यह 15 दिसंबर 2024 तक इसी राशि में रहेंगे. उसके बाद  सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेंगे. सूर्य की राशि सिंह होती है. अगर जातक की कुंडली में सूर्य मजबूत स्थिति में होता है तो उसे मान-सम्मान और समृद्धि की प्राप्ति होती है.

जातक की कुंडली में सूर्य के अशुभ होने पर पेट, आंख और ह्रदय संबंधी रोग हो सकते हैं. माना जाता है सूर्य के अशुभ प्रभाव से जातक के सरकारी काम में भी बाधा आती है. पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि आत्मा का कारक ग्रह सूर्य नवंबर माह में कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन अपनी राशि परिवर्तित कर चुके हैं. 16 नवंबर 2024 को प्रातः 7:41 बजे सूर्य देव तुला राशि से निकलकर वृश्चिक राशि में प्रवेश कर चुके हैं और 15 दिसंबर 2024 तक वहीं रहेंगे. हालांकि, इस दौरान सूर्य दो बार नक्षत्र परिवर्तन भी करेंगे . सबसे पहले 19 नवंबर 2024 को सूर्य अनुराधा नक्षत्र में गोचर करेंगे, फिर 2 दिसंबर 2024 को ज्येष्ठा नक्षत्र में गोचर करेगा. 

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि ज्योतिष में सूर्य ग्रह का विशेष रूप से महत्व है. सूर्य ग्रह किसी भी राशि में लगभग 30 दिनों तक विराजमान रहेंगे. जिस दिन सूर्य देव राशि परिवर्तन करते हैं, उस दिन संक्रांति मनाई जाती है.. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो लोग संक्रांति तिथि पर सूर्य देव की पूजा करते हैं, उन्हें समाज में अच्छी प्रतिष्ठा प्राप्त होती है. आपकी किस्मत भी अच्छी रहेगी और आप किसी भी काम में सफलता प्राप्त करेंगे. सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में जाता है तो उसे संक्रांति कहा जाता हैं और जब सूर्य तुला राशि से वृश्चिक राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे वृश्चिक संक्रांति कहा जाता है. हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष में कुल 12 संक्रांति आती है और हर राशि में सूर्य 1 महीने तक रहते है. सूर्य के इसी भ्रमण की स्थिति को संक्रांति कहा जाता है. संक्रांति को बहुत ही पवित्र दिनों में से एक माना जाता है. इसलिए इसे हिन्दू धर्म में पर्व भी कहा गया है.

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि ज्योतिष में सूर्य को तेज, मान-सम्मान और यश, उच्च पद-प्रतिष्ठा, आदि का कारक ग्रह माना जाता है. ज्योतिष के अनुसार सूर्य का राशि परिवर्तन एक महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है.  जिसका प्रभाव सभी राशि के जातकों पर पड़ता है. सिंह राशि के स्वामी सूर्य तुला राशि में नीच राशि तथा मेष राशि में उच्चराशिगत संज्ञक माने गए हैं. उच्च भाव में ग्रह अधिक मजबूत और बलशाली होते हैं. जबकि नीच राशि में ये कमजोर हो जाते हैं.

सूर्य का शुभ-अशुभ प्रभाव
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि सूर्य के शुभ प्रभाव से जॉब और बिजनेस में तरक्की के योग बनते हैं और लीडरशीप करने का मौका भी मिलता है. ज्योतिष में सूर्य को आत्माकारक ग्रह कहा गया है. इसके प्रभाव से आत्मविश्वास बढ़ता है. पिता, अधिकारी और शासकिय मामलों में सफलता भी सूर्य के शुभ प्रभाव से मिलती है. वहीं सूर्य का अशुभ प्रभाव असफलता देता है. जिसके कारण कामकाज में रुकावटें और परेशानियां बढ़ती हैं. धन हानि और स्थान परिवर्तन भी सूर्य के कारण होता है. सूर्य के अशुभ प्रभाव से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भी होती है.  

यह होगा असर
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि सूर्य के वृश्चिक राशि में आने से गलत काम बढ़ सकते हैं यानी चोर और भ्रष्टाचारी लोग बढ़ने की संभावना है. वस्तुओं की लागत बढ़ सकती है. मंगल की राशि में सूर्य के आ जाने से 16 दिसंबर तक कई लोगों के लिए कष्टपूर्ण समय हो सकता है. कई लोग खांसी और ठण्ड से पीड़ित हो सकते हैं. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी सूर्य का अशुभ असर देखने को मिलेगा. राष्ट्रों के बीच संघर्ष बढ़ सकता है. आसपास के देशों से भारत के संबंध तनावपूर्ण हो सकते हैं.

उपाय
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि कि भगवान श्री विष्णु की उपासना करें. बंदर, पहाड़ी गाय या कपिला गाय को भोजन कराएं. रोज उगते सूर्य को अर्घ्य देना शुरू करें. रविवार के दिन उपवास रखे. रोज गुढ़ या मिश्री खाकर पानी पीकर ही घर से निकलें. जन्मदाता पिता का सम्मान करें, प्रतिदिन उनके चरण छुकर आशीर्वाद लें . भगवान सूर्य की स्तुति आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें . 

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास से जानते हैं सूर्य के वृश्चिक राशि में जाने पर सभी राशियों पर क्या होगा प्रभाव.
मेष राशि
भ्रमित होने के कारण किसी भी कार्य में मन नहीं लगेगा. बीमारी की आशंका रहेगी. विवाद से बचें. 

वृषभ राशि
बीमारी होने की आशंका से तनाव. साझेदार या शासन सत्ता से तनाव रहेगा. व्यर्थ की यात्रा होगी. 

मिथुन राशि 
रोग ठीक होगा. रुका हुआ धन मिलेगा. आदर-सम्मान में वृद्धि. उपहार मिल सकता है. पदोन्नति की संभावना है. 

कर्क राशि  
कार्यालय या घर में तनाव संभव. किसी बीमारी से परेशान हो सकते हैं. बच्चों की सेहत की चिंता रहेगी.

सिंह राशि
मेहनत ज्यादा करनी होगी. सुख में कमी होगी. कार्यों में बाधा से तनाव रहेगा. बुजुर्गों को लेकर चिंता रहेगी.  

कन्या राशि 
धन का संग्रह करने में सफल रहेंगे. रुके हुए पुराने कार्यों  में सफलता मिलेगी. उच्च अधिकारी से मदद संभव.

तुला राशि 
फिजूल के खर्च बढे़ंगे. अनावश्यक जिद से हानि होगी. ठगे जाने की आशंका बनी रहेगी. परिजनों से विवाद न करें.

वृश्चिक राशि 
अनावश्यक मेहनत होगी. गुस्सा बढ़ जाएगा. यात्रा में हानि. नकारात्मक विचारों से बचें.

धनु राशि
हर काम में बाधा से तनाव. बीमारी आदि से परेशान हो सकते हैं. दोस्तों के व्यवहार से चिंता. धन हानि से तनाव रहेगा.

मकर राशि
रुकी हुई पदोन्नति मिलेगी. सम्मान में वृद्धि होगी. धन मिल सकता है. नया कार्य शुरू कर सकते हैं. 

कुंभ राशि 
रुके हुए बडे़कार्य में सफलता. कार्यक्षेत्र में अनुकूल वातावरण. धन लाभ होगा. पदोन्नति संभव.: 

मीन राशि
धर्म में अरुचि. कामकाज में असफलता से तनाव. महत्वपूर्ण निर्णय सोच-समझ कर लें. यात्रा हो सकती है.