नई दिल्लीः चांद पर चंद्रयान-3 ने सॉफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रच दिया है. भारत ऐसा करने वाला पहला देश बन गया है जिसने चांद के साउथ पोल पर सफल लैंडिंग की है. इससे पहले कोई भी देश चांद के इस ध्रुव पर नहीं उतर पाया है. अब इसके बाद भारत सूरज पर उतरने की तैयारी कर रहा है. जिसके लिए मिशन आदित्य एल-1 रखा गया है.
चांद पर लैंडिंग के बाद भारत की नजर अब सूरज पर है. इसरो का अगला मिशन आदित्य एल-1 जिसमें सूरज की स्टडी की जाएगी. सूर्य का अध्ययन करने वाला ये पहला भारतीय मिशन होगा. इस मिशन में अंतरिक्ष यान को लैग्रेंज बिंदु-1 (एल-1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा (होलो ऑर्बिट) में रखा जाएगा जो पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किमी दूर है. बता दें इस बिंदु में खास बात ये है कि यह एक ऐसी जगह हैं जहां ग्रहण का असर नहीं पड़ता और यहां से सूर्य को लगातार स्पष्ट रूप में देख पाते हैं.
मिशन अंतरिक्ष में विभिन्न परतों समेत मौसम पर करेगा निरीक्षणः
वहीं इस मिशन की बात की जाये तो आदित्य एल-1 अंतरिक्ष यान में विभिन्न परतों का निरीक्षण करेगा. इसके साथ ही इस मिशन के जरिये सूरज पर वास्तविक समय में सौर गतिविधियों और अंतरिक्ष मौसम पर इसके प्रभाव को देखने का अधिक लाभ मिलेगा. इस मिशन के जरिए सूर्य की गतिविधियों को समझने में ज्यादा आसानी रहेगी. मिशन आदित्य एल-1 सितंबर 2023 में लॉन्च किए जाने की संभावना हैं हालांकि इस पर इसरो की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गयी है.