बच्चों से जुड़े पोर्नोग्राफी कंटेंट मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, पोर्नोग्राफी कंटेंट देखना, प्रकाशित और डाउनलोड करना POCSO के तहत अपराध

बच्चों से जुड़े पोर्नोग्राफी कंटेंट मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, पोर्नोग्राफी कंटेंट देखना, प्रकाशित और डाउनलोड करना POCSO के तहत अपराध

नई दिल्ली: बच्चों से जुड़े पोर्नोग्राफी कंटेंट मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया है. अब पोर्नोग्राफी कंटेंट देखना, प्रकाशित और डाउनलोड करना POCSO के तहत अपराध माना जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को पलटा है. हाईकोर्ट ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना अपराध नहीं माना था. CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ का फैसला. याचिका में मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी.

दरअसल, मद्रास हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े कंटेंट को सिर्फ डाउनलोड करना या फिर देखना पॉक्सो एक्ट/IT क़ानून के तहत अपराध के दायरे में नहीं आता.

हाई कोर्ट ने इसी आधार पर अपने मोबाइल फोन में चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े कंटेंट रखने के आरोपी एक शख्श के खिलाफ चल रहे केस को रद्द कर दिया था. इस पर 11 मार्च को SC ने मद्रास HC के फैसले पर हैरानी जताई थी. सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास HC के फैसले को 'भयावह' करार दिया था.