सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा की सदस्यता बहाल होने के बाद फैजल की याचिका का निस्तारण किया

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता मोहम्मद फैजल की सदस्यता बहाल होने की लोकसभा सचिवालय की अधिसूचना के मद्देनजर सांसद के रूप में उनकी अयोग्यता के खिलाफ दायर याचिका का बुधवार को निपटारा कर दिया. न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ और न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना की पीठ ने फैजल की सदस्यता बहाल करने की लोकसभा सचिवालय की अधिसूचना को रिकार्ड में लिया. 

फैजल को एक आपराधिक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद जनवरी में निचले सदन की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था. पीठ ने कहा कि वह याचिका की विचारणीयता के सवाल को खुला छोड़ रही है फैजल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने न्यायालय के समक्ष अधिसूचना पेश की और कहा कि जब उनकी सदस्यता बहाल कर दी गई है, उनकी याचिका में कुछ भी नहीं बचा है. सिंघवी ने कहा कि लोकसभा को उनकी अयोग्यता को रद्द करने में दो महीने का समय लगा गया. यह बुधवार सुबह किया गया. केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि न्यायालय अधिसूचना को रिकॉर्ड में ले सकता है और याचिका का निपटारा कर सकता है.

पीठ ने स्पष्ट किया कि केरल उच्च न्यायालय के 25 जनवरी के आदेश के खिलाफ लक्षद्वीप की याचिका पर सुनवाई की जाएगी. लोकसभा सचिवालय द्वारा 13 जनवरी को जारी एक अधिसूचना के अनुसार फैजल 11 जनवरी से लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराये गये थे. हत्या के प्रयास के एक मामले में 11 जनवरी को सुनवाई अदालत द्वारा उन्हें दोषी ठहराते हुए 10 साल की सजा सुनाई गई थी. उसके बाद उन्हें सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था. केरल उच्च न्यायालय ने उनकी सजा पर रोक लगा दी थी. सोर्स- भाषा