VIDEO: सुप्रीम कोर्ट ने अटके रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स को दी बड़ी राहत, राज्य स्तर पर दी जा सकेगी पर्यावरणीय स्वीकृति, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में बड़ी तादाद में करीब पांच महीने से अटके रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स को बड़ी राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट के ताजा आदेश के मुताबिक इन प्रोजेक्ट्स को राज्य स्तर पर पर्यावरणीय स्वीकृति दी जा सकेगी. 

सुप्रीम कोर्ट ने इस वर्ष 25 फरवरी को मुंबई के एक एनीओ वन शक्ति की जनहित याचिका पर केन्द्र सरकार की अधिसूचना पर रोक लगा दी थी. केन्द्र सरकार के वन व पर्यावरण मंत्रालय ने 29 जनवरी 2025 को अधिसूचना जारी की थी. इसी अधिसूचना को लागू करने पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी. इसके चलते पर्यावरणीय स्वीकृति नहीं मिलने से 20 हजार वर्गमीटर निर्मित क्षेत्रफल से अधिक आकार के रियल एस्टेट के  प्रोजेक्ट्स अटके हुए थे. भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने हाल ही इस मामले की सुनवाई कर आदेश जारी कर इन प्रोजेक्ट्स को लेकर बड़ी राहत दी है. आपको बताते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से किस तरह इन प्रोजेक्ट्स को राहत मिली है.

-सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि आवश्यक प्रोजेक्ट्स के मामलों में राज्य स्तर पर पयार्वरणीय स्वीकृति दी जा सकेगी
-स्टेट एनवयारमेंटल इम्पैक्ट असेसमेंट ऑथोरिटी (SEIAA) और स्टेट एक्सपर्ट अप्रेजल कमेटी (SEAC) केन्द्र सरकार के वन व पर्यावरण मंत्रालय की 29 जनवरी 2025 की अधिसूचना के मुताबिक ऐसे प्रोजेक्ट्स के मामलों में पर्यावरणीय स्वीकृति दे सकेगी
-सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद अब तक देशभर में अटके विभिन्न प्रोजेक्ट्स को पर्यावरणीय स्वीकृति मिलने का रास्ता साफ हो गया है
-पर्यावरणीय स्वीकृति मिलने के बाद इन प्रोजेक्ट्स को अब जल्द धरातल पर उतारा जा सकेगा
-सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार की इस अधिसूचना के उस हिस्से को रद्ध कर दिया है
-जिसके तहत शैक्षणिक व औद्योगिक प्रोजेक्ट्स को पर्यावरणीय स्वीकृति लेने से छूट दी गई थी
-इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि इन प्रोजेक्ट्स की पर्यावरणीय स्वीकृति देने पर राज्य स्तर पर विचार किया जा सकेगा