नई दिल्लीः बिलकिस बानो केस में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए 11 दोषियों की रिहाई का आदेश निरस्त कर दिया है. कोर्ट ने गुजरात सरकार का दोषियों की सजा में छूट का आदेश रद्द किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सजा में छूट को रद्द किया जाता है. इस फैसले के आने के बाद अब दोषियों को जेल जाना होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महिला सम्मान की हकदार है. गुजरात सरकार को अपराधियों को छूट देने का अधिकार नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि जहां अपराधी के खिलाफ मुकदमा चला और सजा सुनाई गई, वही राज्य दोषियों की सजा माफी का फैसला कर सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा दोषियों की सजा माफी का फैसला गुजरात सरकार नहीं कर सकती बल्कि महाराष्ट्र सरकार इस पर फैसला करेगी. बता दें कि बिलकिस बानो मामले की सुनवाई महाराष्ट्र में हुई.
बता दें कि बिलकिस बानो गैंगरेप के 11 दोषियों की सजा गुजरात सरकार ने माफ कर दी थी। गुजरात सरकार के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई, जिस पर सुप्रीम कोर्ट आज अपना फैसला सुनाया. और 11 दोषियों की रिहाई का आदेश निरस्त कर दिया है.
इन दोषियों को सीबीआई की विशेष अदालत ने साल 2008 में उम्रकैद की सजा सुनाई थी, जिस पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी अपनी मुहर लगाई थी. बिलकिस बानो गैंगरेप के दोषी जेल में 15 साल बिता चुके हैं। जिसके बाद दोषियों ने सजा में रियायत की गुहार लगाई थी. ऐसे में गुजरात सरकार की माफी नीति के तहत साल 2022 में बिलकिस बानो से गैंगरेप और उसके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के दोषियों की सजा माफ कर दी थी और उन्हें जेल से रिहा कर दिया था. हालांकि अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दोषियों को फिर से जेल जाना होगा.