cVIGIL एप से नजर: चुनाव आयोग की तीसरी आंख बना, आचार संहिता के उल्लंघन पर कड़ी निगरानी; जानिए एप को लेकर फैक्ट फाइल

जयपुर: आचार संहिता उल्लंघन के मामलों में सौ मिनट में कार्रवाई की गारंटी वाले सी विजिल एप को लेकर अब जिलों में अलग तरह का कंपीटिशन शुरू हो चुका है. अब मुद्दा सिर्फ सौ मिनट में केस निपटारा करने को लेकर ही नहीं है, बल्कि उससे कम समय में कितनी सटीकता के साथ ऐसा किया गया इस पैरामीटर को लेकर बढ़े कंपीटिशन में धौलपुर, करौली, सिरोही सौ प्रतिशत एक्यूरेसी हासिल की है. वहीं एवरेज हैंडलिंग टाइम में धौलपुर, करौली ने बाजी मारी है. 

9 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगते ही इसके उल्लंघन की शिकायतों को लेकर भी तेजी आई है. भारत निर्वाचन आयोग ने 2018 से सी विजिल एप लॉन्च किया हुआ है जिसमें सौ मिनट में शिकायत पर कार्रवाई या उसका निपटारा होता है. हाल के दिनों में इसके डाउनलोड करने की संख्या ढाई लाख से भी ज्यादा हो गई है और अब कार्रवाई करने को लेकर ही सटीक या प्रभावी कार्रवाई करने, उसमें औसतन कम समय लगाने से लेकर सौ मिनट से भी कम समय में कार्रवाई को लेकर जिलों में कंपीटिशन हो गया है. 

एप को लेकर फैक्ट फाइल: 

- आचार संहिता के बाद से आज सुबह सवा 9 बजे तक सी विजिल की कार्रवाई पर गौर करें तो  धौलपुर,करौली,सिरोही ऐसे जिले हैं जिन्होंने सौ प्रतिशत एक्यूरेसी हासिल की है.

- राजसमंद की एक्यूरेसी 94 प्रतिशत,श्रीगंगानगर की 93 प्रतिशत,अलवर और नागौर की एक्यूरेसी 92-92 प्रतिशत है. 

- एवरेज हैंडलिंग टाइम में करौली 3 मिनट 11 सैकंड के साथ सबसे आगे है हालांकि इस जिले में 142 केस हैं जिनमें 6 में कार्रवाई हुई है और यह 6 ही कार्रवाई सौ मिनट से कम समय में हुई है लेकिन जिले की एक्यूरेसी 43 प्रतिशत ही है. 

- एवरेज हैंडलिंग टाइम में धौलपुर 6 मिनट 30 सैकंड में केस हैंडलिंग करके अग्रणी जिलों में शामिल है हालांकि जिले में 50 केस थे जिनमें से 6 में कार्रवाई की गई है. 

- मंगलवार सुबह तक कुल 4724 मामले दर्ज हैं जिनमें से 944 में कार्रवाई की गई है और औसत हैंडलिंग टाइम 27 मिनट 21 सैकंड है. 

- 750 ऐसे केसेस हैं जिनमें सौ मिनट से कम समय में कार्रवाई की गई है और कुल एक्यूरेसी 79 प्रतिशत है. 

- अलवर में सबसे ज्यादा 817 केस एप पर रजिस्टर्ड हैं जिनमें से 75 में कार्रवाई की गई है. एवरेज हैंडलिंग टाइम 9 मिनट 46 सैकंड है और 58 केस सौ मिनट से कम समय में निपटाए गए हैं जबकि एक्यूरेसी 77 प्रतिशत है. 

- इसके बाद जयपुर में सबसे ज्यादा 716 केस एप पर रजिस्टर्ड हुए हैं जिनमें 171 में जिनमें 131 का निपटारा हुआ है और 77 प्रतिशत एक्यूरेसी है. जयपुर का एवरेज हैंडलिंग टाइम 21 मिनट 35 सैकंड है. 

जैसलमेर में सबसे कम 17 केस रजिस्टर्ड हैं और उसका एवरेज हैंडलिंग टाइम दो घंटे दस मिनट सात सैकंड है. सौ मिनट से कम समय में 3 केस का निपटारा किया है और 38 प्रतिशत एक्यूरेसी है. सबसे ज्यादा केस निपटारे या ऐसे केस जिन पर कार्रवाई की है, ऐसे केस कुल 906 हैं . सबसे कम डूंगरपुर में 1 केस में ही कार्रवाई की गई है. जबकि जयपुर में सबसे ज्यादा 171 केस पर कार्रवाई की गई है. 

सौ मिनट से कम समय में केस निपटारे में जयपुर में 131 के आंकड़े के साथ टॉप पर है. तो वहीं डूंगरपुर ने सौ मिनट से कम समय में एक भी केस का निपटारा नहीं करके सबसे निचली पायदान हासिल की है. वहीं बांसवाड़ा ने सौ मिनट से कम समय में दो ही केस का निपटारा किया है. कुल एक्यूरेसी 79 प्रतिशत है और इसमें डूंगरपुर 0 प्रतिशत के साथ सबसे निचले पायदान पर है तो जैसलमेर की इसके बाद 38 प्रतिशत ही एक्यूरेसी है. 

सी विजिल पर श्रेणीवार आकलन के चलते जिलों में रजिस्टर्ड केस निपटारे को लेकर अलग तरह की होड़ मची हुई है.