जयपुर: राजस्थान की भजनलाल सरकार ने बड़ी राहत दी है. शहरों में पुरानी आबादी क्षेत्र में बसे लोगों को राहत दी है. इन लोगों को उनके भूखंड का मालिकाना हक मिल सकेगा. 'शहर चलो अभियान' में भूखंड का पट्टा मिल सकेगा. इसके लिए सरकार ने प्रक्रिया को आसान कर दिया है. 300 वर्ग मीटर तक के भूखंडों का लेकर प्रक्रिया की आसान हुई.
#Jaipur: प्रदेश की भजनलाल सरकार ने दी बड़ी राहत
— First India News (@1stIndiaNews) October 10, 2025
शहरों में पुरानी आबादी क्षेत्र में बसे लोगों को राहत, इन लोगों को उनके भूखंड का मिल सकेगा मालिकाना हक, 'शहर चलो अभियान'...#RajasthanWithFirstIndia #BhajanlalSharma @RajGovOfficial @BhajanlalBjp @shrivastavajai2 pic.twitter.com/ex8GshAD74
अब इन भूखंडों का पट्टा लेने के लिए जरूरी नहीं होगा. लोगों को भूखंड के स्वामित्व के दस्तावेज देना जरूरी नहीं होगा. भूखंड का पट्टा लेने के लिए अब लोगों को प्रस्तुत करने होंगे. सामान्य वर्ग के लोगों को 1 जनवरी 1990 से पहले के और SC-ST वर्ग के लोगों को निकाय में प्रस्तुत करने होंगे. 1 जनवरी 1996 से पहले के भूखंड पर कब्जे के दस्तावेज देने होंगे. स्वायत्त शासन विभाग ने निकायों को स्पष्टीकरण जारी किया. अब तक अभियान में ऐसे मामलों में पट्टा लेने के जरूरी लिए था. भूखंड के स्वामित्व के दस्तावेज प्रस्तुत करना जरूरी था.
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300 वर्ग मीटर तक के भूखंडों का लेकर प्रक्रिया की आसान की गई. अब इन भूखंडों का पट्टा लेने के लिए जरूरी नहीं होगा. लोगों को भूखंड के स्वामित्व के दस्तावेज देना जरूरी नहीं होगा. निर्धारित तिथि से पहले के भूखंड पर कब्जे के दस्तावेज देने होंगे. पुरानी आबादी क्षेत्र में बसे अधिकतर लोगों के पास दस्तावेज नहीं है. अधिकतर लोगों के पास स्वामित्व के दस्तावेज नहीं हैं. इन दस्तावेजों के अभाव में लोगों को पट्टा नहीं मिल पा रहा था. लेकिन अब कब्जे के दस्तावेजों के आधार पर पट्टा मिल सकेगा.