जयपुर: साल 2023 का पहला महीना जनवरी रणथंभौर के लिए कुछ अच्छा नहीं निकला. पहले तो 10 जनवरी को बाघ टी 57 की मौत हुई उसके बाद आज सुबह बाघिन टी 114 के एक शावक की मौत की सूचना मिली और शाम ढलते ढलते खुद बाघिन टी 114 का शव सड़ी गली हालत में मिला. दरअसल सवाई माधोपुर की फलौदी रेंज के दोलड़ा गांव के पास एक खेत में 23 जनवरी को ग्रामीण ने तीन शावकों को देखा जिनकी उम्र करीब 2 महीने के आसपास थी. इस क्षेत्र में बाघिन टी 114 का मूवमेंट रहता है इसलिए अंदाजा लगाया गया कि यह तीनों शावक बाघिन टी 114 के ही होंगे.
ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग ने तीनों शावकों को नहीं छोड़ा था कि उनकी मां उन्हें वापस ले जाए लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसके बाद आज सुबह खेत में तीनों शावकों में से एक शावक मृत अवस्था में मिला जिसकी खबर सबसे पहले फर्स्ट इंडिया न्यूज़ में प्रसारित की. सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम ने बाघिन की तलाश में भी टीमें लगाई और दिन ढलते ढलते बाघिन टी 114 भी समीप ही मृत अवस्था में मिली. सरिस्का के फील्ड डायरेक्टर सेडूराम यादव और डीसीएफ संग्राम सिंह का कहना है कि बाघिन का शव 24 से 48 घंटे पुराना है लेकिन शव को लेकर सूत्रों का कहना है कि कुछ ग्रामीणों ने 7, 8 दिन पहले ही बाघिन का शव देखा था और फिलहाल शव जैसी स्थिति में है उसे देखकर भी लगता है कि यह 7 से 8 दिन पुराना है.
इस पूरी घटना में वन विभाग के सर्विलांस सिस्टम की कमजोरी सामने आई है अब फर्स्ट इंडिया न्यूज़ में जिस तरह से दोनों जीवित बचे शावकों का मुद्दा उठाया था उसके बाद वन विभाग ने उच्च स्तर पर फैसला लेकर दोनों शावकों को कोटा के अभेडा बायोलॉजिकल पार्क में शिफ्ट करने का निर्णय किया है. पोस्टमार्टम के बाद बाघिन के शव का अंतिम संस्कार सुबह किया जाएगा.