कंपनियों के चौथी तिमाही के नतीजों, वैश्विक रुख से तय होगी शेयर बाजार की दिशा

नई दिल्ली: कंपनियों के बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के नतीजों, वैश्विक रुख और विदेशी कोषों की गतिविधियों से इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय होगी. विश्लेषकों ने यह राय जताते हुए कहा कि मासिक डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान की वजह से इस सप्ताह शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है. बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 298.22 अंक या 0.48 प्रतिशत के नुकसान में रही. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 111.4 अंक या 0.60 प्रतिशत टूट गया.

मास्टर कैपिटल सर्विसेज लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरविंदर सिंह नंदा ने कहा कि वैश्विक और घरेलू वृहद आर्थिक आंकड़े, कच्चे तेल के दाम, वैश्विक बाजार का रुख, विदेशी और घरेलू संस्थागत निवेशकों की गतिविधियां इस सप्ताह बाजार की दृष्टि से महत्वपूर्ण होंगी. उन्होंने कहा कि इस सप्ताह बीपीसीएल, अशोक लेलैंड, एनएमडीसी, हिंडाल्को, ऑयल इंडिया, एलआईसी, वोडाफोन आइडिया, बीएचईएल, ओएनजीसी जैसी बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजे आने हैं. इसके अलावा कई अन्य कंपनियां भी अपने तिमाही नतीजों की घोषणा करेंगी. नंदा ने कहा कि वैश्विक स्तर पर निवेशकों की निगाह अमेरिका में ऋण सीमा वार्ता पर रहेगी.

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन इस बारे में रिपब्लिकन के साथ एक समझौते के लिए बातचीत कर रहे हैं. देश की ऋण सीमा बढ़ाने के लिए एक जून की समयसीमा भी नजदीक आ रही है. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि वैश्विक बाजारों के कमजोर रुख से बीते सप्ताह स्थानीय बाजारों की गतिविधियां भी प्रभावित हुईं. रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के उपाध्यक्ष तकनीकी शोध अजित मिश्रा ने कहा कि मई माह के डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान की वजह से इस सप्ताह बाजार में उतार-चढ़ाव रहेगा. 

इस बीच, निवेशकों की निगाह वैश्विक बाजारों के प्रदर्शन के साथ विदेशी कोषों के प्रवाह पर रहेगी. स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लि. के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक प्रवेश गौड़ ने कहा कि बाजार भागीदारों की निगाह फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक के 24 मई को जारी होने वाले ब्योरे पर है. एमके वेल्थ मैनेजमेंट के शोध प्रमुख जोसफ थॉमस ने कहा कि निकट भविष्य तिमाही नतीजों की वजह से बाजार में शेयर विशेष आधारित गतिविधियां देखने को मिलेंगी. सोर्स भाषा