जयपुर: राजस्थान की राजधानी जयपुर के बाहरी इलाके में छोटी टाउनशिप योजना लाने के मामले को जेडीए ने ठंडे बस्ते में डाल दिया है. प्रदेश में गठित होने वाली नई सरकार अगर कोई फैसला करती है तो ही इस इस मामले के परवान चढ़ने की उम्मीद है. आखिर क्या है पूरा माजरा और क्यों जेडीए ने इसे डाला ठंडे बस्ते में? जयपुर शहर में रिंग रोड के बाहरी क्षेत्र और राष्ट्रीय राजमार्गों के दोनों तरफ टाउनशिप विकास के मापदंड में महत्वपूर्ण बदलाव के लिए जेडीए ने इस 27 फरवरी को अधिसूचना जारी की थी.
दरअसल वर्ष 2025 तक के लिए लागू मास्टर प्लान के दायरे में आने वाले जेडीए रीजन को अरबनाईजेबल एरिया यू1, अरबनाईजेबल एरिया यू2 और अरबनाईजेबल एरिया यू 3 में विभाजित किया गया है. शहर के कोर एरिया को यू1,रिंग रोड के बाहरी इलाके को यू2 और राष्ट्रीय राजमार्गों के दोनों तरफ के इलाकों को यू3 के रूप में चिन्हित किया गया है. यू2 और यू3 में टाउनशिप विकास के लिए मास्टर प्लान के डवलपमेंट प्रमोशन कंट्रोल रेग्युलेशन में कड़े प्रावधान किए गए हैं.
इसके मुताबिक इन इलाकों में अधिक चौड़ी सड़कों पर बड़ी टाउनशिप ही सृजित की जा सकती है, लेकिन जयपुर विकास प्राधिकरण ने इन प्रावधानों में बदलाव के उद्देश्य से आपत्ति व सुझाव मांगने के लिए यह अधिसूचना जारी की थी. इसके पीछे जेडीए का तर्क था कि मौजूदा समय की मांग के चलते ऐसा किया जा रहा है. क्योंकि जेडीए को लगातार इन इलाकों में छोटी सड़कों पर कम आकार की टाउनशिप विकसित करने के प्रस्ताव मिल रहे हैं. आपको सबसे पहले बताते हैं कि टाउनशिप विकास के मापदंड में जेडीए क्या छूट देना चाहता था.
टाउनशिप के मापदंड में जेडीए देना चाहता छूट:
-मास्टर प्लान के यू 2 व यू 3 क्षेत्र में पहले से छोटे आकार की टाउनशिप सृजित की जा सकेंगी
-प्रस्तावित बदलाव के अनुसार न्यूनतम 5 हेक्टेयर की टाउनशिप की जा सकेगी विकसित
-न्यूनतम 24 मीटर चौड़ी सड़क पर टाउनशिप लाई जा सकेगी
-मौजूदा प्रावधान में टाउनशिप के लिए सड़क की न्यूनतम चौड़ाई 30 मीटर जरूरी है
-जबकि टाउनशिप का न्यूनतम आकार 10 हेक्टेयर होना चाहिए
-इन इलाकों में अगर इंटीग्रेटेड टाउनशिप स्थित है तो
-उसके 500 मीटर की परिधि में न्यूनतम 2 हेक्टेयर की टाउनशिप आ सकेगी
-ऐसी टाउनशिप के लिए सड़क की न्यूनतम चौड़ाई 18 मीटर जरूरी होगी
-लेकिन यह जरूरी है इंटीग्रेटेड टाउनशिप और
-अन्य टाउनशिप का कुल क्षेत्रफल 10 हेक्टेयर से अधिक हो
जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से अधिसूचना जारी कर इन प्रस्तावित बदलावों पर 31 मार्च तक आपत्ति व सुझाव मांगे गए थे. इस प्रस्तावित बदलाव के तहत मास्टर प्लान के यू2 व यू3 इलाके में टाउनशिप विकसित करने के लिए मौजूदा मानदंडों में तो छूट दी जानी थी. साथ ही नए प्रावधान भी जोड़े जाने की भी कवायद थी.
जानिए, क्या थे ये नए प्रावधान:
-मास्टर प्लान के यू2 व यू3 इलाकों में अगर आबादी क्षेत्र स्थित हो
-तो उसकी 500 मीटर की परिधि में टाउनशिप आ सकेगी
-न्यूनतम 24 मीटर चौड़ी सड़क पर टाउनशिप आ सकेगी
-न्यूनतम 2 हेक्टेयर आकार की टाउनशिप आ सकेगी
-किसी टाउनशिप का आंशिक क्षेत्र यू 1 और
-आंशिक क्षेत्र यू 2 में स्थित है और
-टाउनशिप का 50% से अधिक क्षेत्र यू1 में है
-तो टाउनशिप विकसित करने के लिए यू 1 के मापदंड लागू किए जाएंगे
जेडीए की ओर से जारी इस अधिसूचना पर आपत्ति व सुझाव प्राप्त हुए थे. इन पर विचार के लिए जेडीए सचिव नलिनी कठोतिया की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई. कमेटी मामले में विधिक परीक्षण लेने की सिफारिश की. इस पर जेडीए ने अतिरिक्त महाधिवक्ता मनीष सिंघवी से विधिक राय ली थी. इस विधिक राय के बाद जेडीए ने मामला फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया है. आपको बताते हैं कि अतिरिक्त महाधिवक्ता मनीष सिंघवी ने मामले में क्या विधिक राय दी है.
मामले में दी गई विधिक राय:
-विधिक राय में कहा गया है कि जेडीए की यह कवायद मास्टर प्लान में बदलाव वाली है
-मास्टर प्लान की पालना को लेकर हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट गंभीर है
-मास्टर प्लान में किसी भी तरह का बदलाव जेडीए के लिए अनुज्ञेय नहीं हैं
-ऐसे में यह उचित होगा कि टाउनशिप का न्यूनतम आकार तय करने के लिए स्वीकृति ली जाए
-सुप्रीम कोर्ट में प्रार्थना पत्र लगाकर मामले में स्वीकृति ली जाए