फिर आमने-सामने मेडिकल टीचर्स और सेवारत चिकित्सक ! नेशनल मेडिकल कमीशन की उस नई अधिसूचना पर खड़ा हुआ बड़ा विवाद

जयपुर: फिर मेडिकल टीचर्स और सेवारत चिकित्सक आमने-सामने है! नेशनल मेडिकल कमीशन की उस नई अधिसूचना पर बड़ा विवाद खड़ा हुआ. जिसमें सेवारत चिकित्सकों को  मेडिकल टीचर बनने का मौका दिया गया है. अधिसूचना की पालना को लेकर गठित कमेटी पर चिकित्सक शिक्षकों ने आपत्ति की. मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन ने कमेटी के गठन की कड़े शब्दों में निंदा की. 

एसोसिएशन अध्यक्ष डॉ.धीरज जैफ ने सरकार के फैसले के खिलाफ बयान जारी किया. उन्होंने कहा कि सेवारत चिकित्सकों को चिकित्सा शिक्षा विभाग में समायोजित करना गलत है. इस कदम को चिकित्सा शिक्षा और चिकित्सक शिक्षकों के हितों से विरुद्ध बताया गया. साथ ही कहा कि कमेटी नहीं की गई भंग तो प्रदेशभर में बड़ा आंदोलन खड़ा होगा. जबकि दूसरी तरफ सेवारत चिकित्सक संघ ने भी RMCTA के खिलाफ मोर्चा खोला. संघ प्रदेशाध्यक्ष डॉ.अजय चौधरी ने कमेटी के गठन के फैसले का स्वागत किया.

डॉ.चौधरी ने कहा कि बरसों से मेडिकल कॉलेज में हजारों सेवारत चिकित्सक' सेवाएं दे रहे. इन चिकित्सकों को अनुभव के आधार पर NMC ने मेडिकल टीचर बनने का मौका दिया है. फिलहाल, प्रदेशभर के मेडिकल कॉलेजों में 40 से 50 फीसदी तक पद खाली चल रहे है. इस तरह की शिथिलता से मेडिकल कॉलेजों के खाली पदों को भरना आसान होगा. चौधरी ने कहा कि मरीजों की चिंता छोड़कर व्यक्तिगत स्वार्थ पूर्ति का विचार रखता है RMCTA. ये मानसिकता राज्य की चिकित्सा शिक्षा और चिकित्सा सेवा में हो रहे सुदृढ़ीकरण का विरोध है.