जयपुर: मिशन 2030 के तहत अलग अलग जरिए से लिए गए सुझावों का आंकड़ा ढाई करोड़ के पार हो गया है. 2030 का डॉक्यूमेंट विजन बनाने के लिए जनकल्याण एप के जरिए फेस टू फेस सर्वे, वेबसाइट,विभागीय हितधारकों के साथ परामर्श, आइवीआर सर्वे, इंटरैक्टिव विडियो सर्वे व फॉर्म भरवाने, स्कूलों- कॉलेजों में निबंध और भाषण प्रतियोगिता करने जैसे विकल्पों को आजमाने से खासी सफलता मिली है और अब जल्द ही आम नागरिक के सपनों का डॉक्यूमेंट विजन मूर्त रूप ले लेगा. वेबसाइट और अन्य जरिए से स्टेक होल्डर्स और आम लोगों से मिशन 2030 के लिए सुझाव लेने का दौर 15 सितंबर को पूरा हो गया.
सीएस उषा शर्मा ने इसकी समीक्षा करते हुए सभी उपयोगी सुझावों का सार विज़न-2030 दस्तावेज मे शामिल करने के निर्देश दिए. मिशन-2030 के तहत जनकल्याण एप के माध्यम से फेस टू फेस सर्वे जारी हैं. जिसके तहत करीब 1.5 करोड़ से अधिक नागरिकों ने अपने सुझाव दिये. मिशन-2030 की वेबसाइट के माध्यम से करीब ढाई लाख से अधिक नागरिकों एवं विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों से सुझाव मिले.
विभागीय हितधारकों के साथ परामर्श, आइवीआर सर्वे, इंटरैक्टिव विडियो सर्वे एवं फॉर्म भरवाकर करीब 80 लाख से भी ज्यादा सुझाव मिले.जिनका अध्ययन विश्लेषण कर उन्हें विज़न-2030 दस्तावेज में शामिल किया जाएगा. राज्य भर के स्कूलों,कॉलेजों में निबंध और भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया. जिसके तहत 10 लाख से अधिक विद्यार्थियों द्वारा 2030 तक राज्य को सर्वश्रेष्ठ राज्य की श्रेणी में शामिल करने के लिए निबंध के जरिये सुझाव दिए गए हैं. अब इन सुझावों फीडबैकों को एक जगह समाहित करके अच्छे सुझावों की छंटनी और फिर सार बनाकर डॉक्यूमेंट विजन की बनाने का काम जारी है.