जेडीए में लगे AENs और JENs का पुराना "गठजोड़", तबादला भी हुआ तो थोड़े समय में लौट आए उसी सीट पर

जयपुरः एसीबी ट्रेप के बाद भले ही जेडीए में कई कार्मिकों को इधर से उधर कर दिया गया हो, लेकिन जेडीए प्रशासन की "नजर" अब तक उन फील्ड अभियंताओं पर नहीं पड़ी है,जो बरसों से एक ही जगह जड़ें जमाए बैठे हैं. ऐसे ही "जुगाड़ी" अभियंताओं को लेकर देखिए ये खबर.

एसीबी ट्रेप के बाद  जेडीए में अधिकतर संवर्गों में अधिकारी-कर्मचारियों को एक जोन से दूसरे जोन में लगा दिया गया. प्रतिनियुक्ति पर आए कुछ अधिकारी-कर्मचारियों को उनके मूल विभाग रवाना कर दिया गया. जेडीए के सभी जोन में लगे कनिष्ठ अभियंताओं को एक ही आदेश से हटाकर उनके जोन बदल दिए गए. लेकिन इस भारी उठापटक के दौर में भी जोनल अभियंता कार्यालयों व अन्य कार्यालयों में लगे "जुगाड़ी" अभियंता अपनी सीट पर फेविकोल के मजबूत जोड़ की तरह चिपके हुए हैं. इनमें कनिष्ठ अभियंता और सहायक अभियंता स्तर के कार्मिक शामिल हैं, जिनकी फील्ड वर्क के लिहाज से किसी भी कार्यालय में सबसे अहम भूमिका होती है. एक ही स्थान पर लंबे समय पकड़ के लिहाज से इन "जुगाड़ी"अभियंताओं की अलग-अलग कैटेगिरी है. सबसे पहले नजीर के तौर पर उन कनिष्ठ अभियंताओं के बारे में जानकारी देते हैं जो लंबे समय से एक ही स्थान पर लगे हुए हैं. इनका कभी तबादला भी हुआ तो थोड़े ही समय में ये वापस घूम फिर कर फिर से उसी जोनल कार्यालय में आकर जम गए. 

एक ही सीट से जुड़े "जुगाड़ी" कनिष्ठ अभियंता
-कनिष्ठ अभियंता प्रतीक सक्सेना पिछले करीब छह साल से जोन 6 में जमे हुए हैं
-कनिष्ठ अभियंता राहुल मित्तल पिछले करीब 9 साल से जोन 5 में लगे हुए हैं
-कनिष्ठ अभियंता उल्लास जंभोलकर पिछले करीब 9 साल से रिंग रोड प्रोजेक्ट में हैं
-कनिष्ठ अभियंता गौरव सिंह पिछले करीब 9 साल से रिंग रोड प्रोजेक्ट में हैं
-कनिष्ठ अभियंता रोहिताश्व जाटव पिछले करीब 6 साल से जोन 12 में जमे हैं
-कनिष्ठ अभियंता मनोज कुमार जैन पिछले करीब 6 साल से जोन 11 में लगे हुए हैं
-कनिष्ठ अभियंता प्रेमचंद कुमावत पिछले करीब 6 साल से जेडीए की PHE विंग में हैं
-कनिष्ठ अभियंता कुसुम मीना पिछले करीब 7 साल से उद्यान शाखा में हैं
-कनिष्ठ अभियंता वरूण अग्निहोत्री पिछले करीब 8 साल से जोन 11 में हैं
-कनिष्ठ अभियंता अंकित गुप्ता पिछले करीब 6 साल से PHE विंग में हैं
-कनिष्ठ अभियंता गौरव झालानी पिछले करीब 6 साल से जोन 2 में जमे हुए हैं
-हांलाकि इन कनिष्ठ अभियंताओं को बीच-बीच में तबादला भी हुआ 
-लेकिन ये अभियंता थोड़े समय बाद वापस अपनी पुरानी जगह आकर फिर जम गए

इनके अलावा दूसरी कैटेगरी उन फील्ड अभियंताओं की है,जो पहले लंबे समय तक बतौर कनिष्ठ अभियंता एक ही जगह अपनी पैठ जमा कर बैठे रहे लेकिन जब उनका प्रमोशन कर उन्हें सहायक अभियंता बना दिया गया तो भी वे उसी स्थान पर जमे रहे. कभी इनका तबादला भी हुआ तो ये अभियंता जुगाड़ के चलते वापस अपने पसंदीदा स्थान पर आ गए. तीसरी कैटेगरी वे अभियंता शामिल हैं जो बतौर कनिष्ठ अभियंता भले ही उस स्थान पर लंबे समय से नहीं रहे हों,लेकिन सहायक अभियंता के पद पर प्रमोशन के बाद भी वे उसी सीट पर बने रहे, जिस पर वे पहले कनिष्ठ अभियंता थे. इन दोनों कैटेगरी में शामिल अभियंताओं ने प्रमोशन के बावजूद अपने रसूख के दम पर अपनी जगह नहीं छोड़ी.

-सहायक अभियंता मोहम्मद शोएब खान करीब आठ साल बतौर कनिष्ठ अभियंता जोन 2 में रहे
-इसके बाद सहायक अभियंता बनने पर भी इसी जोन में जमे बैठे हैं
-सहायक अभियंता कमलेश मंगल करीब छह साल बतौर कनिष्ठ अभियंता जोन 4 में रहे
-इसके बाद सहायक अभियंता बनने पर भी इसी जोन में जमे बैठे हैं
-सहायक अभियंता कमलेश मंगल करीब छह साल बतौर कनिष्ठ अभियंता जोन 4 में रहे
-इसके बाद सहायक अभियंता बनने पर भी इसी जोन में जमे बैठे हैं
-सहायक अभियंता आदित्य गोयल करीब आठ साल बतौर कनिष्ठ अभियंता जोन 8 में रहे
-इसके बाद सहायक अभियंता बनने पर भी इसी जोन में जमे बैठे हैं
-सहायक अभियंता राकेश कुमार करीब पांच साल बतौर कनिष्ठ अभियंता जोन 8 में रहे
-इसके बाद सहायक अभियंता बनने पर भी इसी जोन में जमे बैठे हैं
-सहायक अभियंता मनोज कुमार मीना करीब 9 साल बतौर कनिष्ठ अभियंता जोन 14 में रहे
-इसके बाद सहायक अभियंता बनने पर भी इसी जोन में जमे बैठे हैं
-सहायक अभियंता अनिता कुमारी करीब छह साल बतौर कनिष्ठ अभियंता उद्यान शाखा में रहीं
-इसके बाद सहायक अभियंता बनने पर भी इसी शाखा में हैं
-कनिष्ठ अभियंता से सहायक अभियंता बनने के बाद भी उसी स्थान पर टिके रहने वालों में जोन में 1 में लगे विकास शर्मा,
-जोन 1 में लगे पुनीत चारण,जोन 7 में नियुक्त रश्मि चौधरी,जोन 9 में नियुक्त रीना मीना,
-जोन 13 में लगे प्रखर बाबू गुप्ता, जोन पीआरएन साउथ में लगे गौरव कुमार,PHE शाखा में राजीव बंसल,
-जोन 6 में विनीता जाजू, जोन 6 में ही दीपेन्द्रपाल सिंह मीना और जोन 9 में लगे जगदीश मीना शामिल है
-इनमें से भी कुछ अभियंताओं को तबादला हुआ लेकिन कुछ समय बाद ये पुरानी जगह लौट आए