RIC के संचालन और प्रबंधन में होगा आमूलचूल बदलाव, राजस्थान मंत्रिमंडल की बैठक में लग चुकी मुहर, देखिए खास रिपोर्ट

जयपुरः राजधानी में स्थित राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर (RIC) की कमान अब मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों व अन्य सदस्यों के गवर्निंग बोर्ड के हाथ में होगी. राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर के संचालन व प्रबंधन के लिए लागू की जाने वाली नई व्यवस्था को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में हरी झंडी दी जा चुकी है. 

प्रदेश की पिछली कांग्रेस सरकार के समय जयपुर विकास प्राधिकरण ने 150 करोड़ रुपए की लागत से राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर का निर्माण किया था. प्रदेश में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के सम्मलेन,बैठक व कार्यक्रम आदि के आयोजन के उद्देश्य से इस राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर का निर्माण किया गया था. अपने उदघाटन के बाद से यह सेंटर कई सरकारी व गैर सरकारी प्रतिष्ठित आयोजनों का केन्द्र रहा है. प्रदेश में भजनलाल सरकार के गठन के साथ ही इस सेंटर के संचालन व प्रबंधन में आमूलचूल बदलाव की कवायद शुरू कर दी गई थी. कई स्तरों पर मंथन के बाद इसके संचालन व प्रबंधन का नया मसौदा तैयार किया गया. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हाल ही हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस नए मसौदे को मंजूरी दे दी गई. मंत्रिमंडल आज्ञा जारी होने के बाद सेंटर के संचालन व प्रबंधन की नई व्यवस्था लागू करने के लिए नगरीय विकास विभाग आदेश जारी करेगा. आपको सबसे पहले बताते हैं कि वर्तमान में राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर का संचालन व प्रबंधन किस तरह किया जा रहा है

-पिछली गहलोत सरकार के समय मंत्रिमंडल के फैसले के मुताबिक जिस जयपुर कन्वेंशन सेंटर प्रबंधन संस्था का गठन होना था

-उस संस्था का गठन अब तक नहीं किया गया है

-RIC का प्रबंधन वर्तमान में दी राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर जयपुर के द्वारा किया जा रहा है

-तत्कालीन मुख्य सचिव की अध्यक्षता में अंतरिम कार्यकारी समिति की बैठक के फैसले के अनुसार बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज का गठन किया गया

-सेंटर के निदेशक के 7 अक्टूबर 2023 के आदेश से गठित इस बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज में चिंतक व बुद्धिजीवी प्रताप भानु मेहता,

-कला मर्मज्ञ केसी मालू, पूर्व आईएएस अरविंद मायाराम,वरिष्ठ पत्रकार नारायण बारेठ और मोहम्मद यासीन को आजीवन ट्रस्टी के तौर पर शामिल किया

-बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज में नगरीय विकास विभाग के सचिव,जेडीए आयुक्त और सेंटर के निदेशक भी शामिल हैं

-बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की पहली बैठक में अरविंद मायाराम को बोर्ड का अध्यक्ष चुन लिया गया

-बोर्ड की इस बैठक में लिए फैसले के अनुसार सेंटर के निदेशक ने राज्य सरकार को 24 नवंबर 2023 को पत्र लिख दिया था

-वर्तमान में इसी कार्यकारी समिति की ओर से सेंटर का संचालन व प्रबंधन किया जा रहा है

राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर (RIC) के संचालन व प्रबंधन में राज्य सरकार या उसकी एजेसिंयों का सीधा दखल नहीं होने और बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज में आजीवन ट्रस्टी बनाए जाने के चलते यह मामला काफी सुर्खियों में रहा है. अब जल्द ही सेंटर की कमान मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित गवर्निंग बोर्ड के हाथों में होगी. राज्य मंत्रिमंडल की हाल ही हुई बैठक में सेंटर के संचालन व प्रबंधन के लिए नई व्यवस्था लागू करने का फैसला किया गया. आपको बताते हैं कि इस फैसले के मुताबिक आने वाले समय में किस तरह सेंटर का संचालन व प्रबधन किया जाएगा.

-सेंटर का प्रबंधन राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर,जयपुर सोसायटी के माध्यम किया जाएगा
-यह संस्था पूर्णत: स्वायत्तशासी संस्था होगी
-इस सोसायटी का 15 सदस्यीय गवर्निंग बोर्ड होगा
-मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित इस गवर्निंग बोर्ड के उपाध्यक्ष नगरीय विकास विभाग के प्रमुख सचिव होंगे
-कला व संस्कृति विभाग के सचिव,जेडीए आयुक्त,जयपुर कलक्टर और
-जयपुर ग्रेटर नगर निगम के आयुक्त इस गवर्निंग बोर्ड के सदस्य होंगे
-गवर्निंग बोर्ड में छह सदस्य राज्य सरकार की ओर से मनोनीत किए जाएंगे
-कला व संस्कृति क्षेत्र से एक,पर्यटन के क्षेत्र से एक,विधि के क्षेत्र से एक,उद्योग के क्षेत्र से एक
-और प्रशासनिक क्षेत्र से एक सदस्य को मनोनीत किया जाएगा
-इसके अलावा चार्टेड अकाउंटेंट का भी इस गवर्निंग बोर्ड में मनोनयन किया जाएगा
-मनोनीत इन छह सदस्यों का कार्यकाल दो वर्ष होगा
-सेंटर के निदेशक की नियुक्त राज्य सरकार की ओर से की जाएगी
-सेंटर के निर्देशक भी गवर्निंग बोर्ड के सदस्य होंगे
-इसके अलावा सेंटर के सदस्यों में से दो सदस्य गवर्निंग बोर्ड के सदस्य के लिए निर्वाचित किए जाएंगे
-यह गवर्निंग बोर्ड सेंटर के संचालन की समस्त गतिविधियों पर नियंत्रण रखेगा और
-RIC के संचालन के लिए नीति निर्धारण के लिए जिम्मेदार होगा
-गवर्निंग बोर्ड जरूरी होने पर कार्यकारी समिति को दिशा-निर्देश दे सकेगा

सेंटर से जुड़ी रोजमर्रा की गतिविधियों के संचालन के लिए गर्वनिंग बोर्ड के अधीन कार्यकारी समिति का गठन किया जाएगा. आपको बताते हैं कि इस कार्यकारी समिति का गठन किस प्रकार किया जाएगा और समिति की क्या जिम्मेदारी होगी. 

-कार्यकारी समिति में कुल पांच सदस्य होंगे
-गवर्निंग बोर्ड में राज्य सरकार की ओर से मनोनीत छह सदस्यों में से दो सदस्य कार्यकारी समिति में शामिल होंगे
-इन्हीं दो सदस्यों में से एक अध्यक्ष होगा
-समिति का एक सदस्य गर्वनिंग बोर्ड के दो निर्वाचित सदस्यों में से एक होगा
-ये सदस्य गवर्निंग बोर्ड की ओर से नामित किए जाएंगे
-इन नामित सदस्यों का कार्यकाल अधिकतम 2 वर्ष का होगा
-सेंटर के निदेशक समिति के सदस्य सचिव होंगे
-जेडीए सचिव भी कार्यकारी समिति में शामिल होंगे
-कार्यकारी समिति सेंटर में समस्त प्रकार के प्रोक्योरमेंट के लिए जिम्मेदार होगी
-सेंटर की सुविधाओं के किराए का निर्धारण यह समिति करेगी
-समिति सेंटर के रेस्टोरेंट,कैफेटेरिया आदि को दस वर्ष की लीज पर दे सकेगी.