जयपुरः पिछले 5 सालों में फर्जी तरीके से सरकारी नौकरी पाने वालों की अब खैर नहीं होगी. फर्जी दस्तावेज लगाकर सरकारी नौकरी पाने वाले अभ्यर्थी हों या अन्य फर्जी तरह से सरकारी नौकरी पाई हो. ऐसी सभी सरकारी कर्मियों की नियुक्ति सरकार निरस्त करेगी और इसके लिए 1 माह की अवधि तय की गई है.
भजनलाल सरकार के अनैतिक आचरण के प्रति जीरो टोलरेंस की नीति के बाद कार्मिक विभाग ने 6 जून 2024 को ये आदेश जारी किया था कि पिछले 5 साल में भर्ती हुए सारे कार्मिकों के दस्तावेजों की मिशन चलाकर सभी विभागों को जांच करनी होगी. इसमें मुख्यतः यह जांच करनी है कि परीक्षा देने वाला और नौकरी करने वाला लोकसेवक एक ही व्यक्ति है या नहीं. साथ ही संदिग्ध कार्मिकों की सूचना SOG के देने के निर्देश भी दिए गए थे.
अब एक कदम आगे बढ़कर सरकार ने यह तय किया है कि 5 सालों में फर्जी तरह से जितने भी अभ्यर्थियों ने सरकारी नियुक्ति पाई है उन्हें 1 माह में ही जांच करके और अपनी सफाई का मौका देकर सेवा मुक्त कर दिया जाएगा.
इसके लिए उनके दस्तावेजों की सघन जांच होगी. अनुचित पाए जाने पर उन्हें कारण बताओ नोटिस भेजा जाएगा.
संतोषजनक कारण न पाए जाने के बाद उन्हें सुनवाई का अवसर दिया जाएगा.
सुनवाई और अन्य जरूरी प्रक्रिया पूरी करके फर्जी तरीके से सरकारी नौकरी पाना प्रमाणित हुआ तो उसकी नियुक्ति निरस्त की जाएगी.
यह सारी प्रक्रिया 1 माह में पूरी करनी होगी.
माना जा रहा है कि ऐसे कर्मियों की भी संख्या हो सकती है करीब 400 से 1000
जिनका फर्जी दस्तावेजों से नौकरी पाना या फर्जी तरह से नौकरी पाना हो चुका प्रमाणित
और अपनी जाँच में जिनके लिए पुलिस या अन्य एजेंसी कर चुकी है सिफारिश
ऐसे कर्मियों की नियुक्ति निरस्त करके किया जाएगा सेवा मुक्त
सचिवालय सेवा में पूर्व में नियुक्त पंकज कुमार शर्मा को ऐसे ही प्रकरण में किया जा चुका सेवा मुक्त
अधि प्रमाणन में उनका मेवाड़ विश्वविद्यालय से कोर्स करने का सर्टिफिकेट पाया गया था फेक
सरकारी विभागों में जांच की प्रक्रिया लगातार जारी है. ऐसे खेल संघों के फर्जी सर्टिफिकेट लेकर सरकारी नौकरी पाने वालों की संख्या ज्यादा होने का अंदेशा है जो मान्यता प्राप्त नहीं है.