नई दिल्ली: देश में आज से 3 नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं. भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में अब कई बदलाव दिखेंगे. औपनिवेशिक युग के तीन पुराने कानून अब समाप्त हो गए हैं.
पूरे देश में भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम भारतीय न्याय संहिता के बदले भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो गया है.
IPC में 511 धाराएं थी जबकि भारतीय न्याय संहिता में 358 धाराएं होंगी. CRPC में 484 थी धाराएं जबकि नागरिक सुरक्षा संहिता में 531 धाराएं होंगी. भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 अब भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 जानी जाएगी.
बता दें कि पुराने कानून में 167 प्रावधान थे, अब नये कानून में 170 प्रावधान होंगे. नए कानून से आधुनिक न्याय प्रणाली की सुनिश्चित जाएगी. जीरो FIR, SMS जैसे इलेक्ट्रॉनिक तरीकों से समन, जघन्य अपराधों के लिए अपराध स्थलों की वीडियोग्राफी अनिवार्य होगी.
इसमें पुलिस शिकायतों का ऑनलाइन पंजीकरण जैसे प्रावधान शामिल है. इससे पीड़ित और गवाहों को धमकी या लालच देकर केस प्रभावित करना, कोर्ट के बाहर समझौता करना अब आसान नहीं होगा.