राजस्थान और एमपी के बीच ERCP को लेकर सुलह की घड़ी, आज दिल्ली में होगा MOU

जयपुर: ERCP को लेकर बड़ी खुशखबरी सामने आ सकती है मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव आज जयपुर पहुंचे जहां उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से (OTS) में मुलाकात की इस दौरान दोनों मुख्यमंत्री के बीच ERCP को लेकर गहन चर्चा हुई और इस चर्चा के बाद दोनों ने दोनों मुख्यमंत्रीयों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि ERCP बरसों पुराना मुद्दा है, जिस पर दोनों राज्यों की जनता निगाहें जमाए थी मुझे ख़ुशी है कि वर्षों पूराना उलझा हुआ मुद्दा आज सुलझने की कगार पर है. अटल जी के समय नदी जोड़ों कार्यक्रम को कांग्रेस सरकार ने डंप कर दिया था, लेकिन अब इस योजना का लाभ एमपी के भिंड, मुरैना, ग्वालियर सहित कई जिलों को मिलेगा. यह योजना न केवल पेयजल अथवा औद्योगिक पूर्ती भी करेगी. 

हमारा वर्तमान का समय भाग्यशाली है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी गंभीर विषय को अपने हाथ में लिया है. इस बात का संतोष है कि राजस्थान में  भजनलाल सरकार बनी हमारी सरकार इस विषय में पहले ही उज्जैन मुरैना देवास कितने जिलों में पेयजल की पूर्ति करेंगी बल्कि पैमाने पर 35000 करोड़ से ज्यादा की कल्पना है आगे भी बढ़ेंगे अभी कुछ और मुद्दे बाकी है रात तक दोनों राज्यों के मध्य अधिकारी लेवल पर चर्चा होगी और उन्हें हल कर दिया जाएगा शाम तक इस मुकाम पर पहुंचेंगे.

इसके बाद सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि जब से राजस्थान में हमारी सरकार बनी है तब से मैं मोहन यादव से लगातार संपर्क में था. मैंने मोहन जी से निवेदन भी किया की यह योजना राजस्थान और मध्यप्रदेश के लिए बहुत ही आवश्यक है. अटल बिहारी वाजपेई का नदी से नदी जोड़ने का सपना मध्य प्रदेश और राजस्थान पूरा करेंगे. अटल बिहारी के समय में नींव रखी गई थी.

इससे राजस्थान के 13 जिलों को काफी लाभ मिलेगा इससे 13 लाख 80 हजार हैक्टेयर भूमी की सिचाई भी होगी और 13 जिलों को पानी भी मिलेगा, साथ ही छोटे-उद्योगों को भी फायदा मिलेगा कई वन क्षेत्र को भी फायदा मिलने वाला है. इसके बाद दोनों ने दोनों मुख्यमंत्री दिल्ली के लिए रवाना हो गए.

दिल्ली में दोनों मुख्यमंत्रीयों कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के श्रम शक्ति भवन में वार्ता होगी. दोनों ही राज्यों के जल संसाधन विभाग के अधिकारी भी  मुद्दों को लेकर बातचीत करेंगे. जिसके बाद ERCP के संशोधित ड्राफ्ट पर हस्ताक्षर होने हैं और सहमति बनने पर MOU होगा.