TPF ने व्यापारों को भारत, अमेरिका में विस्तार करने के लिए भरोसेमंद माहौल दिया- Piyush Goyal

वॉशिंगटन: केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत अमेरिका व्यापार नीति फोरम (टीपीएफ) की बैठक के परिणामस्वरूप व्यवसायों के लिए दोनों देशों के बीच अपने व्यापार और निवेश का विस्तार करने के लिए एक सुगम, मित्रवत और विश्वसनीय माहौल बना है.

गोयल ने 13वीं भारत-अमेरिका टीपीएफ बैठक के समापन पर भारतीय संवाददाताओं के समूह से यह कहा. इस बैठक की सह-अध्यक्षता गोयल के साथ अमेरिका की व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन ताई ने की. इसमें गोयल ने कहा कि नवंबर 2021 में हमने इसे (टीपीएफ) नए रूप और जोश के साथ पुन: शुरू किया था. तब से हमने देखा है कि यह पारस्परिक हितों से जुड़े विभिन्न मुद्दों के लिए एक बहुत ही मजबूत और परिणामोन्मुखी चर्चा में बदल गया है. इसके परिणामस्वरूप कारोबारी माहौल सुगम बना, मित्रवत और भरोसेमंद हुआ जिससे कि व्यवसाय दोनों देशों के बीच अपने व्यापार और निवेश का विस्तार कर सकें.

खुले माहौल में पारदर्शी तरीके से बात की जा सकती है:
उन्होंने कहा कि व्यापार नीति फोरम वास्तव में एक ऐसा मंच है जिस पर हम विभिन्न मुद्दों पर खुलकर बात कर सकते हैं. यह इस तरह का माहौल देता है जिसमें भारत और अमेरिका परस्पर हितों के मुद्दों के साथ-साथ ऐसे विषयों पर भी चर्चा कर सकते हैं जो दोनों में से किसी भी देश के लिए चिंता का कारण हैं. इन मुद्दों पर बहुत ही खुले माहौल में पारदर्शी तरीके से बात की जा सकती है.

जुझारू भविष्य का निर्माण किया जा सके:
टीपीएफ बैठक में ताई ने कहा कि यह मंच व्यापार नीति से जुड़े मुद्दों पर सकारात्मक चर्चा का मौका दे रहा है और इस तरह अमेरिका-भारत द्विपक्षीय संबंध को मजबूत करने में योगदान दे रहा है. उन्होंने जुझारू व्यापार पर नए टीपीएफ कामकाजी समूह के गठन की जानकारी भी दी. यह नया समूह परस्पर हितों के मुद्दों पर व्यापार केंद्रीय द्विपक्षीय संवाद समेत विभिन्न मुद्दों के लिए एक रूपरेखा देगा ताकि दोनों अर्थव्यवस्थाओं के लिए और जुझारू भविष्य का निर्माण किया जा सके.

भारत की प्रतिबद्धता की पुन: पुष्टि करने वाला है:
अमेरिका भारत कारोबारी परिषद (यूएसआईबीसी) के अध्यक्ष अतुल कश्यप ने भारत-अमेरिका व्यापार नीति फोरम की बैठक को दोनों देशों के बीच वाणिज्यिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में बढ़ाया गया अहम कदम बताया. कश्यप ने कहा कि संयुक्त बयान और अधिक आर्थिक सहयोग के लिए अमेरिका और भारत की प्रतिबद्धता की पुन: पुष्टि करने वाला है. सोर्स-भाषा