VIDEO: फिटनेस सेंटरों का गड़बड़झाला ! परिवहन विभाग ने रख दिए नियम कायदे ताक पर, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: फिटनेस सेंटरों को मान्यता देने में  परिवहन विभाग की ओर से बड़ी गड़बड़ी सामने आई है. परिवहन विभाग की अधिकारियों ने सभी नियमों को ताक पर रखते हुए अजमेर रोड पर  कृषि भूमि पर ऑटोमैटिक फ़िटनेस सेंटर को मान्यता जारी कर दी है. इस फिटनेस सेंटर को लेकर JDA की भूमिका भी सवालों के घेरे में है.

परिवहन विभाग में इन दिनों नियम कायदे कानून सब ताक पर रखे जा रहे हैं. एक ओर परिवहन विभाग फिटनेस सेण्टरों पर कार्रवाई का दिखावा कर रहा है तो वहीं जयपुर के अजमेर रोड पर रिंग रोड के पास कृषि भूमि पर संचालित फिटनेस सेंटर पर कार्रवाई करने को परिवहन विभाग तैयार नहीं है. परिवहन विभाग ने नियमों की अनदेखी कर अजमेर रोड पर में व्हीकल फिटनेस सेंटर को अनुमति दी. जबकि विभाग के अधिकारियों को इस बात की जानकारी थी कि यह ऑटोमेटिक फिटनेस सेंटर कृषि भूमि पर बना हुआ है. 

सूत्रों के अनुसार इस फिटनेस सेंटर में परिवहन विभाग के ही एक रिटायर्ड अधिकारी ने भारी निवेश किया है. रिटायर्ड अधिकारी का ही प्रभाव है कि विभाग के उच्च अधिकारियों की जानकारी में मामला आने के बाद भी परिवहन विभाग नियमों के बिलकुल विपरीत बने इस सेंटर पर कार्रवाई नहीं कर रहा है. जानकारी के अनुसार बीते दिनों विभाग की ACS ने इस फ़िटनेस सेंटर से जुड़ी रिपोर्ट माँगी थी लेकिन इसके बाद भी इस सेंटर पर कार्रवाई तो दूर अभी तक नोटिस तक जारी नहीं किया गया है. जयपुर के इसी सेंटर को उदाहरण बताते हुए प्रदेश में कई जगह और कृषि भूमि पर ही फिटनेस सेण्टरों के लिए मान्यता लेने की तैयारी हो रही है. इससे राज्य सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व की हानि हो सकती है.

पहले कृषि भूमि पर ऑटोमैटिक फिटनेस सेंटर को मान्यता देना और इसके बाद सेंटर पर कार्रवाई नहीं करने का मतलब यही है कि परिवहन विभाग  ने सेंटर संचालक के सामने हथियार डाल दिये हैं. सेंटर के संचालकों के प्रभाव के कारण परिवहन विभाग के अधिकारी कार्रवाई के नाम पर चुप्पी साधे हुए हैं. मुख्यालय के अधिकारी बिना कैमरे के सामने यह तो मानते हैं कि फिटनेस सेंटर को मान्यता नियमों के विपरीत मिली है लेकिन फ़िटनेस सेंटर पर कार्रवाई कब होगी इसका उनके पास कोई जवाब नहीं है. अजमेर रोड के पास कृषि भूमि पर संचालित इस फिटनेस सेंटर को लेकर JDA की भूमिका पर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं. एक और जहाँ JDA कृषि भूमि पर मकान बनाने पर भी कार्रवाई करता हैं. वहीं इतनी व्यस्त जगह पर कृषि भूमि पर इतना बड़ा उद्योग लग गया और JDA ने नज़र तक नहीं डाली.

कृषि भूमि पर नियमों के विपरीत चल रहे ऑटोमेटिक फिटनेस सेंटर को लेकर परिवहन विभाग और JDA से सवाल
1- परिवहन विभाग ने किसके दबाव में कृषि भूमि पर फिटनेस सेंटर को अनुमति दी.
2- क्या विभाग से रिटायर हो चुके अधिकारी के प्रभाव के  कारण परिवहन विभाग कार्रवाई नहीं कर पा रहा है.
3- अगर प्रदेश में कृषि भूमि पर फिटनेस सेंटर लगाने के और प्रस्ताव आयेंगे तो क्या विभाग सभी को मंजूरी देगा.
4- JDA के अधिकारी कृषि भूमि पर सामान्य लोगों को मकान नहीं बनाने देते,  इतना बड़ा फिटनेस सेंटर बन गया कार्रवाई क्यों नहीं की.
5- क्या JDA के संबंधित ज़ोन 11 के उपायुक्त और प्रवर्तन अधिकारी को पता ही नहीं लगा उनके ज़ोन कृषि भूमि पर इतना बड़ा फिटनेस सेंटर बन रहा है.
6- क्या कृषि भूमि पर लोग अलग अलग विभागों से जुड़े उद्योग लगायेंगे तो JDA किसी पर कार्रवाई नहीं करेगा.
7- क्या JDA का सूचना तंत्र कमजोर हैं या मिलीभगत के कारण कृषि भूमि पर बने फिटनेस सेंटर पर कार्रवाई नहीं हुई.

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का विजन भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस के साथ कार्रवाई करने का है. लेकिन परिवहन विभाग और JDA अधिकारियों की कार्यशैली से सरकार के इस विजन को नुकसान पहुंच रहा है. अगर प्रदेश की राजधानी में ही नियमों को दरकिनार कर कृषि भूमि पर हुए व्यावसायिक निर्माण पर कार्रवाई नहीं होगी तो दूसरे जिलों में ऐसी उम्मीद करना बेमानी है.