नई दिल्ली : वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों का व्यावसायिक उत्पादन टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड (टीआरएसएल) के उत्तरपारा संयंत्र में जून 2025 से शुरू होगा. यह जानकारी कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को दी. उन्होंने आगे कहा कि टीआरएसएल को अपने कंसोर्टियम पार्टनर बीएचईएल के साथ मिलकर भारतीय रेलवे ने सेमी-हाई स्पीड ट्रेनों के 80 सेट बनाने का काम सौंपा है.
अधिकारी ने कहा कि कम से कम 50-55 प्रतिशत ट्रेन घटकों का उत्पादन कंसोर्टियम द्वारा बंगाल में किया जाएगा, जिसमें शहर स्थित टीआरएसएल की 52 प्रतिशत हिस्सेदारी है. उन्होंने कहा कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन ऑर्डर में टीआरएसएल की हिस्सेदारी कंसोर्टियम द्वारा प्राप्त कुल 24,000 करोड़ रुपये के अनुबंध में से 12,716 करोड़ रुपये है. वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों का व्यावसायिक उत्पादन जून 2025 से शुरू होगा और हम पहले से ही उत्तरपारा संयंत्र में आवश्यक अलग लाइनें और अन्य बुनियादी सुविधाएं स्थापित करने की प्रक्रिया में हैं. टीटागढ़ के उपाध्यक्ष और एमडी उमेश चौधरी ने बताया, 650 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी इस उद्देश्य के लिए रखा गया है.
ऐसे तैयार होगी पूरी ट्रेन:
पहले आठ ट्रेन सेट पूरी तरह से उत्तरपाड़ा में बनाए जाएंगे. जबकि वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों की अंतिम असेंबली, परीक्षण और कमीशनिंग चेन्नई में भारतीय रेलवे की सुविधाओं में बाद के ट्रेन सेटों के लिए की जाएगी. यह आदेश छह वर्षों की अवधि में क्रियान्वित किया जाएगा. चौधरी ने कहा, पहला प्रोटोटाइप दो साल की समय सीमा के भीतर वितरित किया जाएगा. ट्रेनों के कुछ प्रमुख घटक, जैसे उनकी बॉडी और इंटीरियर राज्य में बनाए जाएंगे, जबकि विद्युत घटक और कुछ अन्य कंसोर्टियम पार्टनर से होंगे. 2026 से पहिए भी हमारे समूह उद्यम से आएंगे.
120 व्रदे भारत ट्रेनों की होगी आपूर्ति:
चौधरी ने कहा कि रामकृष्ण टीटागढ़ रेल व्हील्स लिमिटेड नामक टीटागढ़-रामकृष्ण फोर्गोइंग प्रस्तावित संयुक्त उद्यम कंपनी इनका निर्माण करेगी. हम दो लाख पहिए प्रति वर्ष क्षमता का संयंत्र बनाएंगे, जो चीन के बाहर एशिया में सबसे बड़ा ट्रेन पहिया संयंत्र होगा. 2026 से वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों के पहिए हमारी प्रस्तावित जेवी सुविधा से होंगे. प्रत्येक वंदे भारत एक्सप्रेस स्लीपर ट्रेन को 160 किमी प्रति घंटे की गति प्राप्त करने के लिए डिज़ाइन किया जाएगा और इसमें 887 यात्रियों को समायोजित करने की अनुमानित क्षमता वाली 16 बोगियां होंगी. उन्होंने कहा कि कुल 120 वंदे भारत ट्रेनों की आपूर्ति रेल विकास निगम लिमिटेड और रूसी कंपनी टीएमएच के एक अन्य संघ द्वारा की जाएगी.