जयपुर: प्रदेश में चुनावी माहौल के बीच शुरू हो रहे रबी सीजन ने बिजली कम्पनियों की चिंता बढ़ा दी है. किसानों को खेती के लिए पर्याप्त बिजली आपूर्ति का राजस्थान डिस्कॉम प्रशासन ने वैसे तो पूरा पावर प्लान बना लिया है, लेकिन सभी जिलों में दिन के ब्लॉक में बिजली आपूर्ति सबसे बड़ी चुनौती है. आखिर रबी सीजन में क्या रहेगी "पावर पॉजिशन" और सभी को निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए क्या है डिस्कॉम का प्लान, पेश है फर्स्ट इंडिया की एक्सक्लुसिव रिपोर्ट...
राजस्थान में रबी के सीजन में बिजली सप्लाई डिस्कॉम के लिए सबसे बड़ी चुनौती मानी जाती है. लेकिन इस बार ये चुनौती डबल हो गई है. क्योंकि एक तरफ जहां चुनावी सीजन है, वहीं दूसरी ओर सभी किसानों की दिन के ब्लॉक में बिजली आपूर्ति की मांग है. हालात ये है कि अक्टूबर के पहले पखवाड़े में ही बिजली की मांग का ग्राफ 200 लाख यूनिट प्रतिदिन तक बढ़ गया है. जिसके आगे चलकर करीब 3500 लाख यूनिट प्रतिदिन तक पहुंचने का अनुमान है. ऐसे में राजस्थान डिस्कॉम प्रशासन ने पूर्व के अनुभव व भविष्य की डिमाण्ड को लेकर पूरा एक्शन प्लान बनाया है और उसी हिसाब से शॉर्टटर्म पावर परर्चेज व दूसरे राज्यों से बैंकिंग के जरिए बिजली की व्यवस्था करना शुरू कर दिया है.
अक्टूबर में फिर से बढ़ता पावर ग्राफ:-
1 अक्टूबर - 2872 लाख यूनिट
2 अक्टूबर - 2841 लाख यूनिट
3 अक्टूबर - 2893 लाख यूनिट
4 अक्टूबर - 2915 लाख यूनिट
5 अक्टूबर - 2951 लाख यूनिट
6 अक्टूबर - 3022 लाख यूनिट
7 अक्टूबर - 3040 लाख यूनिट
8 अक्टूबर - 3047 लाख यूनिट
9 अक्टूबर - 3075 लाख यूनिट
10 अक्टूबर - 3091 लाख यूनिट
11 अक्टूबर - 3038 लाख यूनिट
12 अक्टूबर - 3075 लाख यूनिट
13 अक्टूबर - 3113 लाख यूनिट
14 अक्टूबर - 3034 लाख यूनिट
15 अक्टूबर - 3031 लाख यूनिट
राजस्थान का अब तक का पावर "रिकॉर्ड":-
17840 मेगावाट : 2 सितम्बर 2023 को रही अब तक की सर्वाधिक पीक डिमाण्ड
3714 लाख यूनिट : 4 सितम्बर 2023 को रही अब तक की सर्वाधिक बिजली आपूर्ति
701 लाख यूनिट : 6 अगस्त 2023 को एक दिन में मिली सर्वाधिक विण्ड पावर
आगामी चार माह की पावर डिमाण्ड एण्ड सप्लाई प्लानिंग !
- नवम्बर माह में 17800 मेगावाट रह सकती अधिकतम डिमाण्ड
- दिसम्बर माह में 18500 मेगावाट रह सकती अधिकतम डिमाण्ड
- नवम्बर माह में 19000 मेगावाट रह सकती अधिकतम डिमाण्ड
- नवम्बर माह में 19000 मेगावाट रह सकती अधिकतम डिमाण्ड
- राजस्थान ऊर्जा विकास निगम ने मांग पूर्ति के लिए किए अनुबन्ध
- यूपी, तमिलनाडू, गोवा समेत अन्य राज्यों से बिजली की "बैंकिंग"
- इसके अलावा शॉर्टटर्म पावर परर्चेज के भी किए गए है अनुबंध
- जानकारी सूत्रों के मुताबिक दूसरे राज्यों से नवम्बर, दिसम्बर, जनवरी और
- फरवरी में रोजाना 400 लाख यूनिट से अधिक ली जाएगी बिजली
प्रदेश में बिजली आपूर्ति व्यवस्था की पूरी मॉनिटरिंग खुद मुख्य सचिव उषा शर्मा कर रही है. पिछले 15 दिनों में सीएस उषा शर्मा कई बार विभागीय अधिकारियों की बैठक ले चुकी है. हालांकि, इस पूरे मामले में प्रमुख ऊर्जा सचिव भास्कर ए सावंत का दावा है कि रबी सीजन को लेकर सभी तैयारियां पूरी हो चुकी है. हमारी कोशिश रहेगी कि किसान-घरेलू उपभोक्ताओं को निर्बाध आपूर्ति मिल सके. इसके साथ ही सावंत ने ये भी दावा किया कि राजस्थान पावर प्लांट्स को चलाने के लिए पर्याप्त कोयले की व्यवस्था के भी प्रयास जारी है.
बिजली कम्पनियां भले ही रबी सीजन में पावर मैनेजमेंट के दावे कर रही हो, लेकिन सच्चाई ये है कि अभी से ही बिजली संकट गहराने लगा है. कुछ दिनों पहले ही उद्योगों में फिर से शिड्यूल कटौती के आदेश जारी किए गए है. जो चुनावी सीजन में सभी के लिए चौंकाने वाला है. ऐसे में देखना ये होगा कि आगामी दिनों में बढ़ती बिजली की डिमाण्ड को राजस्थान डिस्कॉम प्रशासन कैसे पूरा कर पाता है.