संप्रग का दशक घोटालों वाला, आज दुनिया विश्वास और आशा के साथ भारत की तरफ देख रही- PM मोदी

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि दुनिया में कोरोना महामारी सहित अनेक संकटपूर्ण हालात के बीच देश को जिस तरह से संभाला गया, उससे पूरा देश आत्मविश्वास से भर रहा है एवं पूरे विश्व में भारत को लेकर सकारात्मकता, आशा और भरोसा है. उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए विपक्षी कांग्रेस पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि 2004 से 2014 तक का समय आजादी के इतिहास में सबसे अधिक घोटालों का दशक रहा है और संप्रग सरकार के इन दस साल के कार्यकाल में कश्मीर से कन्याकुमारी तक हर कोने में भारत के लोग असुरक्षित महसूस करते थे.

मोदी ने 2जी, सीडब्ल्यूजी और अन्य घोटालों का जिक्र करते हुए कहा कि इन दस साल में वैश्विक मंचों पर भारत की साख इतनी कमजोर हो गयी थी कि दुनिया उसकी बात सुनने को तैयार नहीं थी. उन्होंने कहा कि दुनिया में सौ साल बाद कोरोना जैसी महामारी आई, विश्व बंटा हुआ है, ऐसी स्थिति में भी राजग सरकार के कार्यकाल में देश को जिस तरह से संभाला गया, उससे पूरा देश आत्मविश्वास से भर रहा है एवं पूरे विश्व में भारत को लेकर सकारात्मकता, आशा और भरोसा है प्रधानमंत्री ने कहा कि संप्रग सरकार के दस साल का कार्यकाल जहां ‘लॉस्ट डिकेड’ था, वहीं 2030 तक का दशक ‘इंडियाज डिकेड’ होगा. उन्होंने कहा कि आज जब कई देशों में भीषण महंगाई, बेरोजगारी, खानेपीने का संकट है और अपने पड़ोस में भी ऐसे हालात हैं, ऐसी स्थिति में कौन हिंदुस्तानी इस बात पर गर्व नहीं करेगा कि ऐसे समय में भी देश दुनिया की पांचवीं अर्थव्यवस्था है. उन्होंने कहा कि आज राष्ट्र के रूप में गौरव पूर्ण अवसर हमारे सामने हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के पूरे अभिभाषण में जो बातें कही गयी हैं वे 140 करोड़ देशवासियों के लिए उत्सव का अवसर हैं. मोदी ने कहा कि खुशी की बात है कि आज भारत को विश्व के समृद्ध देशों के समूह जी-20 की अध्यक्षता का अवसर भी मिला, जो देश के लिए गर्व की बात है. कांग्रेस सदस्यों की टीका-टिप्पणी के बीच प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ लोगों को इसका भी दुख हो रहा है.

आज दुनिया के सारे विशेषज्ञों को भारत से बहुत आशा है
उन्होंने कहा कि आज दुनिया के सारे विशेषज्ञों को भारत से बहुत आशा और विश्वास है, जिसका कारण भारत में आई स्थिरता, उसकी वैश्विक साख, बढ़ता सामर्थ्य और नयी संभावनाएं हैं. प्रधानमंत्री के जवाब के दौरान सदन में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद थे. मोदी ने कहा कि देश में आज स्थिर और निर्णायक सरकार है जिसका भरोसा होना स्वाभाविक है. उन्होंने कहा कि यह सरकार पूर्ण बहुमत से चलती है और राष्ट्रहित में फैसले लेने का सामर्थ्य रखती है. उन्होंने कहा, ‘‘हम इस मार्ग से हटने वाले नहीं, इस पर चलते रहेंगे.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि चर्चा में सभी सदस्यों ने अपनी रुचि, प्रवृत्ति और प्रकृति के अनुसार सबने अपनी बातें रखीं. उन्होंने कहा कि जब हम इन बातों को गौर से सुनते हैं और समझने का प्रयास करते हैं तो समझ में आता है कि किसकी कितनी क्षमता है, किसकी कितनी योग्यता है, किसकी कितनी समझ है और किसका क्या इरादा है. मोदी ने कहा कि देश भलीभांति इन बातों का मूल्यांकन करता है. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए एक शेर पढ़ा और कहा कि ऐसे लोगों के लिए कहा गया है, ‘‘ये कह-कहकर हम दिल को बहला रहे हैं, वो अब चल चुके हैं, वो अब आ रहे हैं.’’

मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में ‘संकल्प से सिद्धि’ तक का बढ़िया तरीके से खाका खींचा गया जिसमें एक प्रकार से देश को लेखाजोखा भी दिया गया और प्रेरणा भी दी गयी. उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘कुछ लोगों ने अभिभाषण से कन्नी काटी. एक बड़े नेता तो राष्ट्रपति का अपमान कर चुके हैं. जनजातीय समुदाय के प्रति उनकी सोच क्या है, यह सामने आ गया.’’ माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री का इशारा कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की तरफ था जिन्होंने कुछ महीने पहले राष्ट्रपति के खिलाफ एक टिप्पणी की थी. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बहुत सारी बातों को विपक्ष ने भी मौन रहकर स्वीकार किया है. उन्होंने कहा कि चर्चा में किसी सदस्य ने राष्ट्रपति के अभिभाषण में भारत के दुनिया की समस्याओं के समाधान बनने, इस सरकार में लोगों को बुनियादी सुविधाएं मिलने, भ्रष्टाचार से मुक्ति मिलने तथा नीतिगत पंगुता से उबरने जैसे उल्लेखों का विरोध नहीं किया. मोदी ने कहा, ‘‘मुझे आशंका थी कि कुछ लोग इन बातों का विरोध करेंगे, लेकिन मुझे खुशी है कि किसी ने विरोध नहीं किया. सोर्स- भाषा