राहुल के बयान को लेकर लोकसभा में हंगामा, कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित

नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा भारत के लोकतंत्र को लेकर लंदन में दिए गए बयान पर उनसे माफी की मांग कर रहे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों के शोर शराबे के कारण सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 2:15 बजे दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई. इससे पहले भाजपा सदस्यों की नारेबाजी और अडाणी समूह से जुड़े मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग को लेकर कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों के शोर-शराबे के कारण सुबह प्रश्नकाल की कार्यवाही नहीं चल सकी और उसे दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दिया गया.एक बार के स्थगन के बाद दो बजे बैठक शुरू हुई तो पीठासीन सभापति किरीट सोलंकी ने आवश्यक दस्तावेज सदन में प्रस्तुत कराए. विभिन्न केंद्रीय मंत्रियों और समिति अध्यक्षों ने संबंधित प्रपत्र रखे.

इस दौरान भाजपा के अनेक सदस्य अपने स्थान पर खड़े होकर ‘राहुल गांधी माफी मांगो’ के नारे लगा रहे थे. हालांकि, इस दौरान कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के सदस्य अपने स्थानों पर बैठे दिखे.पीठासीन सभापति सोलंकी ने नारे लगा रहे सदस्यों से अपने स्थान पर बैठने और कार्यवाही चलने देने का आग्रह किया. हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने कार्यवाही करीब 15 मिनट बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी.इससे पहले आज 11 बजे सदन में प्रश्नकाल आरंभ होने के साथ ही सत्तापक्ष और विपक्ष, दोनों तरफ से नारेबाजी शुरू हो गई.

कांग्रेस सदस्यों ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी के एक बयान को लेकर दिल्ली पुलिस के अधिकारियों द्वारा उनसे जानकारी मांगने से जुड़े मुद्दे को भी उठाने का प्रयास किया.लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदस्यों से शोर-शराबा बंद करने और बैठक चलने देने की अपील की.उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल के बाद आपको (विपक्षी सदस्य) पर्याप्त मौका दूंगा. प्रश्नकाल चलने दें. जो भी सदस्य नियमों और प्रक्रिया के तहत नोटिस देंगे उन्हें बोलने का अवसर दूंगा. आपसे आग्रह है कि सदन चलने दें.

बिरला ने यह भी कहा कि सदन आपका है, सबको बोलने का अधिकार है. नियमों के तहत आपको मौका मिलेगा. हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने करीब 11 बजकर सात मिनट पर सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी. गत सप्ताह सोमवार से शुरू हुए संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में विपक्ष और सत्ता पक्ष के हंगामे के कारण लगातार पांच दिन तक लोकसभा में प्रश्नकाल और शून्यकाल की कार्यवाही बाधित रही और अन्य कामकाज नहीं हो सके.(भाषा)