नई दिल्ली : उत्तराखंड में पुराना थाना धरासू बांध के पास भारी भूस्खलन के कारण गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध हो गया है. जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी, देवेन्द्र पटवाल ने कहा, सड़क अवरुद्ध होने के कारण दोनों तरफ दर्जनों वाहन जाम में फंसे हुए हैं. पटवाल ने आगे बताया कि सीमा सड़क संगठन की जेसीबी मशीन मौके पर पहुंच गई है.
सड़क खोलने के लिए बीआरओ की जेसीबी पहुंच गई है, लेकिन लगातार पहाड़ी दरकने से दिक्कत आ रही है. जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी के अनुसार, फिलहाल बहाली का काम चल रहा है.
9 दिनों से भारी बारिश के चलते नदियों के जलस्तर में वृद्धि:
विशेष रूप से, उत्तराखंड में लगातार बारिश के कारण कई भूस्खलन और बादल फटने की घटनाएं हुईं. एक अन्य घटना में बुधवार को पिथौरागढ़ जिले की सीमांत तहसील धारचूला की लिपुलेख सीमा पर नाचटी नाले में एक वाहन और एक पुल बह गया, जिससे ओम पर्वत कलापविथ गुंजी का संपर्क टूट गया. अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि पिछले नौ दिनों से उत्तराखंड के पहाड़ी और मैदानी इलाकों में लगातार बारिश के कारण नदियों के जल स्तर में वृद्धि हुई है और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमों को हाई अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया है.
एसडीआरएफ कर्मी उक्ष्च्च सतर्कता पर:
एसडीआरएफ अधिकारियों के अनुसार, उत्तराखंड के पहाड़ी और मैदानी इलाकों में नौ दिनों की लगातार बारिश के कारण नदियों का जल स्तर बढ़ गया है, जिसके बाद एसडीआरएफ कर्मियों को उच्च स्तर की सतर्कता बनाए रखने का निर्देश दिया गया है.
गंगा नदी उफान पर:
पिछले नौ दिनों से पूरे उत्तराखंड के मैदानी और पहाड़ी इलाकों में हो रही लगातार बारिश के कारण गंगा नदी एक बार फिर उफान पर है, जिससे आसपास के इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. गंगा नदी के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि से मायाकुंड, चंद्रभागा, चंद्रेश्वरनगर आदि तटीय इलाकों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है.
सोनाली नदी का टूटा बांध:
इसके अलावा, लगातार बारिश और सोनाली नदी के बांध में दरार से उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के लक्सर शहर में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है. अधिकारियों के मुताबिक, कुआं खेड़ा गांव के पास सोनाली नदी का बांध टूट गया. इस बीच, राज्य के पौड़ी गढ़वाल जिले में श्रीनगर बांध से पानी छोड़े जाने के बाद गंगा की एक प्रमुख सहायक नदी अलकनंदा का जल स्तर काफी बढ़ गया था. अलकनंदा नदी पर श्रीनगर बांध से 3,000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद जल स्तर काफी बढ़ गया.