देहरादून: उत्तराखंड में विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में कथित धांधली की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) से जांच कराए जाने की मांग को लेकर बेरोजगार युवाओं द्वारा किये जा रहे प्रदर्शन के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बृहस्पतिवार को आश्वासन दिया कि उनकी सरकार युवाओं के हितों की रक्षा के लिए सजग है और किसी के साथ कोई अन्याय नहीं होने दिया जाएगा . धामी ने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश के युवाओं के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह से सजग है. पहले की तरह हमने किसी भी भर्ती घोटाले को न तो दबाया है और न छुपाया है. जितने भी मामले सामने आए, हमने उनकी जांच कराकर दोषियों को जेल भेजा है .’’
उन्होंने दोहराया कि उनकी सरकार भर्ती परीक्षाओं में नकल को रोकने के लिए कड़ा कानून बनाने जा रही है . उन्होंने कहा, ‘‘देश का सबसे कड़ा नक़ल विरोधी कानून हम लेकर आ रहे हैं. ऐसी पुख्ता व्यवस्था की जा रही है कि भविष्य में होने वाली सारी परीक्षायें पारदर्शी और नक़ल विहीन हों. मुख्यमंत्री ने युवाओं से नाम लिए बिना किसी के 'बहकावे' में न आने का अनुरोध किया और कहा कि उनकी सरकार युवाओं के हित में फैसले ले रही है और प्रदेश के युवाओं के साथ किसी तरह का अन्याय नहीं होने दिया जाएगा . उन्होंने सरकारी नौकरियों में प्रदेश की स्थायी निवासी महिलाओं को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने का भी जिक्र किया और कहा कि सभी के हितों को संरक्षित किया जायेगा. बेरोजगार युवाओं ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग तथा उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में अनियमितताओं की सीबीआइ जांच कराए जाने की मांग को लेकर बुधवार को यहां जोरदार धरना—प्रदर्शन किया था और देर रात पुलिस के हटाने पर वे वहां से गए . सुबह फिर बेरोजगारों ने कई जगह प्रदर्शन किया . बेरोजगारों की यह भी मांग है कि परीक्षाएं आयोजित करने वाले आयोग के घोटाले में लिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों को भी दंडित किया जाए और नई भर्ती परीक्षाओं का आयोजन नकल विरोधी कानून लाए जाने के बाद ही किया जाए . उन्होंने परीक्षा में नकल करवाने वालों के अलावा नकल करने वाले अभ्यर्थियों के नाम भी सार्वजनिक करने की मांग की .
बेरोजगार संघ के प्रवक्ता सुरेश सिंह ने कहा कि अनियमितताओं की वजह से रद्द हुई भर्ती परीक्षा देने वाले युवा बेरोजगार घूम रहे हैं जबकि नई भर्ती परीक्षाएं की जा रही हैं . उन्होंने इनमें भी धांधली की आशंका जताते हुए कहा कि जल्द से जल्द नकल विरोधी कानून लाया जाए और उसके बाद ही भर्ती परीक्षाएं आयोजित की जाएं . राज्य अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों के कथित रूप से लीक होने का पिछले साल खुलासा होने के बाद से उत्तराखंड में एक के बाद एक कई भर्तियों में अनियमितताएं सामने आयीं हैं जिसके कारण उन्हें रद्द करना पडा . इन घोटालों की जांच के लिए गठित पुलिस का विशेष कार्यबल (एसटीएफ) अब तक कई आरोपियों को गिरफ्तार कर चुका है . राज्य सरकार के परीक्षाओं को आयोजित करने की जिम्मेदारी राज्य लोकसेवा आयोग को दिए जाने के बाद भी धांधलियों का सिलसिला नहीं थमा है . इस साल आठ जनवरी को आयोजित पटवारी भर्ती परीक्षा के प्रश्नपत्रों के भी कुछ प्रश्न कथित तौर पर लीक हो गए जिसके बाद उससे रद्द करना पडा . यह परीक्षा अब दोबारा 12 फरवरी को होगी. सोर्स- भाषा