जयपुर: सुखों के कारक शुक्र 18 जनवरी को रात 08:56 मिनट पर वृश्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करेंगे. धनु राशि में शुक्र 25 दिनों तक रहेंगे. इस दौरान 29 जनवरी को पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे और 09 फरवरी को उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे. इसके बाद 12 फरवरी को मकर राशि में गोचर करेंगे. पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर - जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि 18 जनवरी को प्रेम और सौंदर्य के कारक ग्रह शुक्र राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं. इस दिन शुक्र देव वृश्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में गोचर करेंगे. ज्योतिष शास्त्र में शुक्र देव को प्रेम, विवाह और सुख का कारक माना जाता है. शुक्र देव 25 से लेकर 27 दिनों तक एक राशि में रहते हैं. इसके पश्चात, एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं. वर्तमान समय में सुखों के कारक शुक्र देव वृश्चिक राशि में विराजमान हैं और जल्द ही राशि परिवर्तन करेंगे.
शुक्र को रचनात्मकताए रोमांटिक अहसास प्रेम सौंदर्य विवाह आदि का कारक ग्रह माना जाता है इसलिए शुक्र के गोचर को वैदिक ज्योतिष में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. शुक्र का राशि परिवर्तन हर राशि पर कोई न कोई प्रभाव जरूर डालता है. शुक्र को सभी ग्रहों में सबसे चमकदार ग्रह माना जाता है. चूंकि शुक्र एक शुभ ग्रह है इसलिए कुंडली में इसकी अच्छी स्थिति से जातकों को जीवन में कई सुख सुविधाएँ मिलती हैं लेकिन मुख्य रुप से प्रेम, भौतिक सुखों में इसकी मजबूती से वृद्धि होती है. शुक्र की उच्च राशि मीन है, वहीं धनु राशि में शुक्र का होना सामान्य माना जाता है. हालांकि, शनि, और केतु के साथ शुक्र की मित्रता होती है. वहीं ये बृहस्पति के साथ सामान्य फल देने वाला ग्रह है. ऐसे में शुक्र का राशि परिवर्तन सभी राशियों के लिए खास रहेगा.
शुक्र ग्रह राशि परिवर्तन:
सुखों के कारक शुक्र 18 जनवरी को रात 08:56 मिनट पर वृश्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करेंगे. धनु राशि में शुक्र देव 25 दिनों तक रहेंगे. इस दौरान 29 जनवरी को पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे और 09 फरवरी को उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे. इसके बाद 12 फरवरी को मकर राशि में गोचर करेंगे.
ज्योतिष में शुक्र:
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि शुक्र या वीनस को ज्योतिष में स्त्री ग्रह भी माना जाता है. ये वृष और तुला राशि का स्वामी है. शुक्र लाभ के साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि का भी कारक होता है. व्यक्ति की कलात्मकता का भी विकास होता है. किसी की कुंडली में ये ग्रह कमजोर या मजबूत हो, दोनों ही स्थिति में काफी मायने रखता है. ज्योतिष में शुक्र अच्छे कपड़े, विवाह, आमदनी, नारी, ब्राह्मण, पत्नी, यौन जीवन का सुख, फूल, वाहन, चांदी, आनंद, कला, वाद्ययंत्र और राजसी प्रवृत्ति का कारक ग्रह है. शुक्र के राशि परिवर्तन होने से इन मामलों संबंधी बदलाव देखने को मिलते हैं.
क्या होगा प्रभाव:
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि धनु राशि में शुक्र होने से धर्म, अर्थ और काम ये तीन पुरूषार्थ सफल होते हैं. शुक्र के प्रभाव से बड़े समाजिक कार्य पूरे हो सकते हैं. धनु राशि में शुक्र के आने से प्रशासनिक और राजनैतिक मामलों में बड़े बदलाव हो सकते हैं. इन क्षैत्रों से जुड़े लोगों के लिए समय अच्छा कहा जाता है. शुक्र के राशि परिवर्तन से कई लोगों की सेहत में भी उतार-चढ़ाव आ सकते हैं. जॉब और बिजनेस में तरक्की के योग बनेंगे. विपरित लिंग के लोगों के कारण कामकाज में बदलाव होने की भी संभावना है. सुख-सुविधाएं, यात्राएं और शारीरिक सुख संबंधी मामलों में महत्वपूर्ण बदलाव होने की संभावना है. शुक्र के पास अमृत संजीवनी है और शुक्र पृथ्वी के साथ है. वस्तुओं की लागत बढ़ सकती है. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी शुभ असर देखने को मिलेगा. ललित कलाओं की तरफ आप का रूझान हो सकता है. यदि आप मनोरंजन के क्षेत्र से जुड़े हैं तो आपको शुभ फल प्राप्त होगा. वहीं मीडिया आदि के क्षेत्र से जुड़े व्यक्तियों को भी यह शुक्र लाभ कराने वाला होगा. जॉब और बिजनेस से संबंधित परेशानियां दूर होंगी.
शुक्र के उपाय:
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि मां लक्ष्मी अथवा मां जगदम्बा की पूजा करें. भोजन का कुछ हिस्सा गाय, कौवे और कुत्ते को दें. शुक्रवार का व्रत रखें और उस दिन खटाई न खाएं. चमकदार सफेद एवं गुलाबी रंग का प्रयोग करें. श्री सूक्त का पाठ करें. शुक्रवार के दिन सफेद वस्त्र, दही, खीर, ज्वार, इत्र, रंग-बिरंगे कपड़े, चांदी, चावल इत्यादि वस्तुएं दान करें.
आइए भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास से जानते हैं कि शुक्र का धनु राशि में प्रवेश करने से राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा.
शुभ: मिथुन, कर्क और मीन
सामान्य: मेष, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु और कुंभ
अशुभ: वृष और मकर