एडीलेड : लापता पनडुब्बी 'टाइटन' के चार दिन चले तलाश अभियान का एक त्रासदीपूर्ण अंत हुआ. खबरों ने पुष्टि की है कि टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने गई पनडुब्बी में 'विनाशकारी विस्फोट' हुआ, जिसके कारण इसमें सवार सभी पांचों यात्रियों की तत्काल मौत हो गई.
500 मीटर दूर समुद्र तल पर पनडुब्बी के पांच बड़े-बड़े टुकड़े मिले:
अधिकारियों ने बताया कि टाइटैनिक के डूबने के स्थल से लगभग 500 मीटर दूर समुद्र तल पर पनडुब्बी के पांच बड़े-बड़े टुकड़े मिले हैं. इनका मिलना पहले दिए गए इन समाचारों से मेल खाता है कि टाइटन जब पानी में उतरा था, उसी दिन अमेरिकी नौसेना को 'एक विस्फोट जैसा' जोरदार धमाका सुनाई दिया था. नौसेना के समुद्र तल सेंसर ने उस क्षेत्र में विस्फोट का पता लगाया था, जहां पनडुब्बी का अपने मुख्य पोत के साथ संपर्क टूटा था. उस समय विस्फोट के बारे में बताया गया था कि यह 'निर्धारित नहीं' था.
‘विनाशकारी विस्फोट’ क्या है?
हम ऐसा मान सकते हैं कि विस्फोट उसी दिन हुआ, जिस दिन पनडुब्बी पानी में उतरी थी, लेकिन संभवत: यह उस समय नहीं हुआ, जब उसका अपने मुख्य पोत से संपर्क टूटा था, लेकिन ऐसा क्यों हुआ? पानी में गहराई पर चलने वाली अधिकतर पनडुब्बियों में एक ‘दाब पात्र’ होता है, जो एकल धातु सामग्री से बना होता है. आमतौर पर अपेक्षाकृत कम गहराई (लगभग 300 मीटर से कम) के लिए स्टील और अधिक गहराई के लिए टाइटेनियम का इस्तेमाल किया जाता है.
टाइटेनियम और कार्बन फाइबर काफी भिन्न गुणों वाली सामग्रियां:
टाइटेनियम या मोटे स्टील वाला दाब पात्र आमतौर पर गोलाकार होता है और यह 3,800 मीटर गहराई तक दबाव झेल सकता है. टाइटैनिक का मलबा इसी गहराई पर पड़ा है. बहरहाल, टाइटन पनडुब्बी इनसे अलग थी. इसका दाब पात्र टाइटेनियम और मिश्रित कार्बन फाइबर के मेल से बना था. यह इंजीनियरिंग के नजरिए से कुछ हद तक असामान्य है, क्योंकि पानी में गहराई तक जाने के संदर्भ में टाइटेनियम और कार्बन फाइबर काफी भिन्न गुणों वाली सामग्रियां हैं.
कार्बन-फाइबर में लचीलापन नहीं होता:
टाइटेनियम लचीला है और वायुमंडलीय दबाव में वापसी के बाद उसके अनुसार ढल जाता है. यह दबाव डालने वाले बलों के अनुकूल सिकुड़ भी सकता है और इन बलों के कम होने पर फिर से फैल जाता है. दूसरी ओर, कार्बन-फाइबर अधिक कठोर होता है और इसमें ऐसा लचीलापन नहीं होता.
सामग्रियों में अंतर के कारण हुई गड़बड़:
हम इस बात का केवल अंदाजा ही लगा सकते हैं कि दो अलग-अलग प्रौद्योगिकियों के मेल से क्या हुआ होगा. लेकिन एक बात हम निश्चित तौर पर कह सकते हैं कि इन सामग्रियों में अंतर के कारण कोई गड़बड़ हुई और पानी के नीचे दबाव के कारण विस्फोट हुआ होगा.
20 मिलीसेकंड से भी कम समय में हुई मौत:
सटीकता से डिजाइन किया गया एवं निर्मित और पुख्ता जांच परख के बाद तैयार दाब पात्र सभी दिशाओं से पड़ने वाले समग्र दबाव को झेल सकता है. ऐसी स्थिति में उपयुक्त सामग्री से निर्मित पनडुब्बी गहराई में आवश्यकता के अनुसार 'सांस ले' सकती है-सिकुड़ और फैल सकती है. टाइटन में विस्फोट का अर्थ है कि उसके साथ ऐसा नहीं हुआ. इस विस्फोट के कारण उसमें सवार सभी यात्रियों की 20 मिलीसेकंड से भी कम समय में मौत हो गई होगी. सोर्स भाषा