कोटा: कोचिंगसिटी कोटा में बनकर तैयार हुआ विश्वप्रसिद्व चंबल हेरिटेज रिवर फ्रंट आज जनता को समर्पित हो गया हैं.कोटा बैराज के ठीक नीचे डाउन स्ट्रीम में 1442 करोड़ की लागत से नदी के दोनों किनारों पर करीब 5.5 किमी की लंबाई में विकसित इस मेगा प्रोजेक्ट को कोटा को पर्यटन सिटी बनाने का सबसे बडा ट्रंप कॉर्ड तो माना ही जा रहा हैं, लेकिन साथ ही इसके सहारे गहलोत सरकार के शहरी विकास का मॉडल सिटी कहे जा रहे कोटा से पूरे हाड़ौती में कांग्रेस सियासी माइलेज भी हासिल करने की नाव पर सवारी करती भी दिख रही हैं. हालांकि मुख्यमंत्री गहलोत आज के लोकार्पण समारोह में शामिल नहीं हो पाये,जिसके बाद विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी और प्रदेश सरकार के कई मंत्रीयों के साथ मेजबान यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने सवेरे लोकार्पण पट्टिका का अनावरण करके और शाम को चम्बल माता के कलश से रिमोट बटन दबाकर जल प्रवाहित करते हुए प्रोजेक्ट को लोकार्पित और जनसमर्पित कर दिया.
हाड़ौती में पर्यटन सर्किट का नया ठिकाना होगा कोटा और इसका लैंडमार्क बना हैं आज लोकार्पित हुआ कोटा का चंबल रिवर फ्रंट.अब कोटा बैराज की चंबल नदी की डाउन स्ट्रीम के बाद आगे के 2.75 किमी. तक के नदी के इलाके में भी नयापुरा पुलिया तक हमेशा पानी भरा रहेगा और भव्य हेरिटेज खुबसूरती से दमकते और चमकते रिवर फ्रंट के अद्भुत घाट और अनोखे स्ट्रक्चर राजस्थान की कला,संस्कृति और यहां के वैभव के ध्वजवाहक होंगे. हालांकि मुख्यमंत्री के इस लोकार्पण समारोह में नहीं आ पाने का मलाल तो रहा लेकिन बाद में यूडीएच मंत्री धारीवाल ने विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी,आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत के अलावा प्रदेश सरकार के मंत्रीयों के साथ रिवर फ्रंट का विधिवत् लोकार्पण करके इसे जनता को समर्पित कर दिया. इस दौरान लोकार्पण समारोह में जुटे प्रदेश सरकार के मंत्रियों से लेकर मेजबान मंत्री शांति धारीवाल और विधायक तक इस प्रोजेक्ट की खुबसूरती और खासियतों को गिनाते और गद्गद् होते नजर आये.
चंबल रिवर फ्रंट के उद्घाटन समारोह का आगाज नयापुरा घाट से हुआ, रिवरफ्रंट की सेवीनियर बिल्डिंग पर फोटो सेशन के साथ.इस दौरान आकर्षक बावङी विजिट के दौरान मेहमानों ने लोकरंगों में डूबे सुर-संगीत के अलावा मिलिट्री बैंड की आकर्षक स्वागत धुनों का आनंद लिया और यहां हुये मनोरम निर्माणों के बारे में आर्किटेक्ट अनूप भरतरिया और यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल खुद मेहमानों को विस्तार से जानकारी देते नजर आए. इस बीच मार्बल शेरों के साथ बनाये सिंहघाट से रिवर फ्रंट के सिंहावलोकन से पहले सभी मेहमानों ने मेजबान मंत्री शांति धारीवाल के साथ रिवर फ्रंट की लोकार्पण पट्टिका का अनावरण किया.
इस दौरान हेरिटेज लुक के कार्य की सभी मेहमान सराहना करते दिखाई दिए. उत्सव घाट पर बहते पानी के झरने से लेकर साहित्य घाट,गीताघाट के नमूनों की सराहना करते हुए अतिथि काफिला रंगमंच घाट पर पहुंचा तो राजस्थानी लोकनृत्य घूमर सभी को लूभा रहा था. कनक महल की खूबसूरती और संगीत के साथ बल खाते फव्वारों की छटा फव्वारा घाट की खुबसूरत छवि दिखा रही थी तो वहीं विभिन्न घाटों के भ्रमण के साथ बड़ी समाध में विकसित वृंदावन गॉर्डन में लगाया तुलसी वन और यहां स्थापित भगवान विष्णु के 10 अवतार आध्यात्मिक शांति स्थल का अहसास करा रहे थे. गांधी सेतु से होकर अतिथियों का काफिला हाडौती घाट पर पन्नाधाय और हाड़ी रानी की महानता की कहानियां बताती गन मेटल प्रतिमाओं से होकर बूंदी के तारागढ फोर्ट की झलक और 84 खंभों की छतरी में समाये वास्तुशिल्प और स्थापत्य कला के बेजोड़ नमूनों से भी रूबरू हुआ.
यहां से विश्व मैत्री घाट पर ध्वजारोहण और राष्ट्रगान के साथ वसुधैव कुटुम्बकम का संदेश दिया गया,जहां 9 देशों के फ्लैग के बीच विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने ध्वजारोहण किया और पुलिस बैंड ने राष्ट्रगान करवाया. यहां कुमाऊं राइफल्स आर्मी बैंड की आकर्षक प्रस्तुतियां भी सभी के आकर्षण का केन्द्र रही. विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने यहां कहा कि अर्बन डेवलपमेंट का बेहतरीन उदाहरण राजस्थान के कोटा में विकसित होता दिख रहा हैं जो हर जनप्रतिनिधि के लिये एक प्रेरणा होनी चाहिए.
जोडियक टावर पर विशिंग बॉल में सिक्के डालकर सभी अतिथियों ने अपनी मनोकामना पूर्ण होने की प्रार्थना की तो वही ब्लू पॉटरी के ठीकरी ग्लास वर्क को भी सभी ने देखा. इस दौरान रिवर फ्रंट के पश्चिमी छोर का इनविजिबल योगी स्ट्रक्चर और विशाल नंदी प्रतिमा देखकर सभी ने दांतों तले अंगुली दबायी तो इसी कतार में पंडित नेहरु का विशालकाय फेस मास्क और बाडौली शैली के 5 मंदिरों के साथ जन्नती दरवाजा इस्लामी स्थापत्य कला का भी प्रतिरुप साकार कर रहा था.
शाम के आयोजन चम्बल माता के नाम रहे, जहां मॉ चम्बल की विशेष आरती 125 वैदिक पंडितों के सान्निध्य में उतारने के साथ ही साथ नंदी घाट पर भी विशेष आयोजन हुये और मेहमान-मेजबान मंत्रीयों द्वारा रिमोट से बटन दबाकर रिकॉर्ड 42 मीटर ऊंची चम्बल माता की प्रतिमा के हाथ में थामे कलश से जलप्रवाह के साथ ही रिवरफ्रंट के लोकार्पण की अंतिम औपचारिकता पूरी कर ली गयी. अब 1442 करोड़ की लागत के देश के अपनी तरह के पहले इस भव्य हेरिटेज रिवर फ्रंट को कोटा की जनता अगले 2 माह तक बिना कोई शुल्क देख और निहार सकेगी.