नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली में योग सत्र का नेतृत्व करते हुए कहा कि योग भारत का 'सॉफ्ट पावर' बन गया है. इस योग सत्र में सैकड़ों प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया.
योग की सार्वभौमिक अपील को मान्यता देते हुए दिसंबर 2014 में संयुक्त राष्ट्र ने एक प्रस्ताव के माध्यम से 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी. इस दिन का उद्देश्य प्राचीन विधा योग के अनेक लाभ के बारे में विश्व में जागरुकता फैलाना है.
योग भारत की प्राचीन परंपरा:
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मांडविया ने कहा कि योग भारत की प्राचीन परंपरा है लेकिन समय के साथ इसके अभ्यास में गिरावट आई. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने योग को अत्यधिक प्रोत्साहन दिया है और आज दुनिया में ऐसी कोई जगह नहीं है जहां योगाभ्यास नहीं किया जाता है. यह भारत का 'सॉफ्ट पावर' बन गया है.
योग के लाभ:
दैनिक जीवन में योग के लाभ का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि योग से मन को शांत रखने में मदद मिलती है और इससे शरीर में स्फूर्ति आती है. जब हम स्वास्थ्य और आरोग्य की बात करते हैं तो योग ही हमारे ध्यान में आता है. यह एक एहतियाती कदम की तरह है जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के निमंत्रण पर देश की आधिकारिक राजकीय यात्रा पर हैं और वह न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित विशेष योग समारोह का नेतृत्व करेंगे.
योग की दुनिया में मान्यता:
एम्स में मांडविया ने कोविड-19 महामारी के बाद योग की चौतरफा स्वीकार्यता पर बात की. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के बाद लोग अपने स्वास्थ्य और आरोग्य को लेकर अधिक जागरुक हो गए हैं. इस वजह से योग की प्रासंगिकता और लोकप्रियता में काफी इजाफा हुआ है. उन्होंने योग को दुनियाभर में मान्यता दिलाने के लिए प्रधानमंत्री का शुक्रिया अदा किया और हर किसी से न सिर्फ योग का अभ्यास करने बल्कि अन्य को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करने को कहा. कार्यक्रम से पहले मांडविया ने साइकिल रैली में हिस्सा लेकर एम्स की 'गो ग्रीन' पहल को भी अपना समर्थन दिया. सोर्स भाषा