2 अक्टूबर से बुध अपनी उच्च राशि में चलेंगे सीधी चाल, चमकेगी इन 5 राशियों की किस्मत

जयपुर: बुध ग्रह 21 अगस्त से अब तक उच्च राशि यानी कन्या में है. लेकिन सूर्य के नजदीक आ जाने से इस महीने 8 सितंबर को अस्त हुआ फिर 10 तारीख को वक्री भी हो गया था. अब सूर्य से दूर होने के बाद ये 1 अक्टूबर को उदित हो गए. ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि 2 अक्टूबर को सीधी चाल से चलने लगेगा. यानी मार्गी हो जाएगा. बुध की बदलती चाल का असर लेन-देन, खरीदारी और निवेश पर पड़ेगा. साथ ही ये ग्रह सभी राशियों को प्रभावित करेगा. बुध, एक राशि में अमूमन 21 दिन तक ही रहता है. लेकिन इस बार 66 दिन यानी 26 अक्टूबर तक ये कन्या राशि में रहेगा. 

इस राशि में बुध का होना बहुत शुभ बताया गया है. ये किसी राजयोग की तरह ही फल देता है. इस बार तीन गुना से ज्यादा समय तक अपनी राशि में मौजूद बुध अस्त-उदय के साथ वक्री-मार्गी भी हुआ है. जिसका असर सभी राशियों पर रहेगा. बुध के प्रभाव से बिजनेस बढ़ेगा. अध्ययन में विद्यार्थियों को फायदा होगा. रुके हुए कामों को गति मिलेगी. मकान-वाहन आदि खूब बिकेंगे. लोगों की आर्थिक स्थितियां सुधरेंगी. संतान संबंधी चिंताएं दूर होगी. रुका हुआ पैसा मिलने के योग बनेंगे. बड़े राजनीतिक फैसले होंगे. विदेश जाने वाले लोगों की संख्या बढ़ सकती है. कुछ लोगों को कर्ज लेकर महंगी वस्तुएं खरीदने से बचना चाहिए.

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि बुध ग्रह मिथुन और कन्या राशि का स्वामी है. बुध सूर्य का निकटतम ग्रह है. बुध ग्रह को बुद्धि का प्रदाता कहा गया है. बुध ग्रह के लक्षण की बात करें तो यह व्यक्ति में बुद्धि, विवेक, हाज़िर जवाबी और हास्य–विनोद का प्रतिनिधित्व करता है. यह एक शुभ ग्रह है लेकिन कुछ स्थितियों में बुध अशुभ ग्रह में बदल सकता है. बुध कम्युनिकेशन का ग्रह है. बुध ग्रह के अधिदेवता भगवान विष्णु हैं. बुध व्यापार के देवता तथा व्यापारियों के रक्षक हैं. बुध चन्द्र और तारा के पुत्र है. बुध सौरमंडल के  ग्रहों में सबसे छोटा और सूर्य से निकटतम है. बुध के हाथों में तलवार, ढाल, गदा तथा वरमुद्रा धारण की हुई है. बुध ग्रह को सभी ग्रहों में युवराज का दर्जा प्राप्त है. ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को एक तटस्थ और शुभ ग्रह माना गया है. बुध  ग्रह अन्य ग्रहों के स्वभाव के साथ ही अपना फल देते हैं. कहने का मतलब है बुध शुभ ग्रह के साथ होने पर शुभ फल प्रदान करते हैं और अशुभ ग्रहों के संगति होने पर अशुभ फल देते हैं. बुध जब गुरु, शुक्र, सूर्य और चंद्रमा के साथ रहते हैं तो शुभ फल देते है जबकि गुरु, राहु-केतु, मंगल और शनि के साथ होने पर उनके प्रकृति के अनुसार अशुभ फल प्रदान करते हैं. 

राशियों पर असर:
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस ग्रह के राशि परिवर्तन करने से मेष, मिथुन, सिंह, धनु, मीन राशि वाले लोगों को लेन-देन और निवेश में फायदा हो सकता हो सकता है. इनके अलावा वृष, कन्या और वृश्चिक राशि वाले लोगों के लिए समय सामान्य रहेगा. इन तीन राशि वालों को लेन-देन और निवेश में फायदा तो होगा लेकिन कुछ कम. वहीं, कर्क, तुला, मकर और कुंभ राशि वाले लोगों के लिए समय ठीक नहीं है. इन राशियों के लोगों को निवेश में धन हानि हो सकती है और लेन-देन की गड़बड़ी की वजह से भी नुकसान होने के योग बनेंगे.

बुध के उपाय:
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि बुध से पीड़ित व्यक्ति को मां दुर्गा की आराधना करनी चाहिए. बुधवार के दिन गाय को हरा चारा खिलाना चाहिए और साबूत हरे मूंग का दान करना चाहिए. बुधवार के दिन गणपति को सिंदुर चढ़ाएं. बुधवार के दिन गणेश जी को दूर्वा चढ़ाएं. दूर्वा की 11 या 21 गांठ चढ़ाने से फल जल्दी मिलता है. पालक का दान करे. बुधवार को कन्या पूजा करके हरी वस्तुओं का दान करे.