Jharkhand: आत्मदाह करने वाली दलित लड़की के मामले की जांच कर रही समिति ने सौंपी रिपोर्ट

जमशेदपुर: झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले में आत्मदाह करने वाली दलित लड़की के मामले की जांच कर रही दो सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. परीक्षा में नकल करने का संदेह होने पर एक शिक्षिका द्वारा कथित रूप से कपड़े उतारने के लिए मजबूर किए जाने के बाद छात्रा ने आत्मदाह का प्रयास किया था. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी.

जिले की उपायुक्त विजया जादव ने कहा कि जांच समिति ने रविवार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी. जिले के अधिकारियों ने लड़की के परिजनों को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधानों के तहत मुआवजे के रूप में 25,000 रुपये भी सौंपे. जादव ने रविवार को टाटा मेन अस्पताल की बर्न यूनिट का दौरा किया था, जहां 15 वर्षीय लड़की को भर्ती कराया गया है. अधिकारियों ने कहा कि अधिकारी यह भी सुनिश्चित करेंगे कि उनके परिवार को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ मिले.

छात्रा ने बार-बार नकल की बात से इनकार किया था:
नौवीं कक्षा की छात्रा ने पुलिस को दिए एक बयान में कहा था कि परीक्षा में नकल के संदेह पर 14 अक्टूबर को महिला निरीक्षक ने परीक्षा के दौरान कक्षा से सटे एक कमरे में उसके कपड़े उतरवाए थे ताकि यह पता चल सके कि उसने नकल की पर्ची अपने कपड़े में छिपाई है या नहीं. छात्रा ने बार-बार नकल की बात से इनकार किया था.

विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया:
उसकी मां ने दावा किया कि उनकी बेटी इस अपमान को सहन नहीं कर सकी और स्कूल से लौटने के कुछ देर बाद ही उसने खुद को आग लगा ली. पुलिस ने कहा कि आरोपी शिक्षिका को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून और किशोर न्याय अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है. सोर्स-भाषा