जयपुर: अगर आप शादी, रोजगार या अन्य कारणों से अपने गृह जिले से दूर हैं तो भी अपने संबंधित विधानसभा क्षेत्र के लिए वोटिंग कर सकते हैं. जी हां, भारत निर्वाचन आयोग अब ऐसे प्रवासी लाखों वोटर्स को रिमोट वोटिंग पद्धति से वोटिंग की सुविधा देने जा रहा है. 31 जनवरी 2023 तक सुझाव और आपत्तियां लेने के बाद देश भर में यह लागू हो जाता है तो यह अब तक का सबसे ज्यादा क्रांतिकारी नवाचार साबित हो सकता है.
भारत में वोटिंग ट्रेंड के मुताबिक भारत में करीब 30 करोड़ लोगों के वोटिंग नहीं करने की बात सामने आती रही है. भारत निर्वाचन आयोग के 'कोई भी वोटर न छूटे' की मुहिम में प्रवासी वोटर्स के वोटिंग नहीं करने का ट्रेंड बड़ी बाधा साबित हो रहा है.
क्या है वोटिंग ट्रेंड ?
- वोटिंग ट्रेंड के मुताबिक एक तिहाई वोटर्स वोटिंग नहीं करते.
- लोकसभा चुनाव के वोटिंग ट्रेंड को देखें तो 1951 के आम चुनाव में 17.32 करोड़ मतदाता थे और 45.67 प्रतिशत वोटिंग हुई.
- 1957 के आम चुनाव में 19.37 करोड़ मतदाता थे और 47.74 प्रतिशत वोटिंग हुई.
- 1962 के आम चुनाव में 21.64 करोड़ मतदाता थे और 55.42 प्रतिशत वोटिंग हुई.
- 2009 के आम चुनाव में 71.70 करोड़ मतदाता थे और 58.21 प्रतिशत वोटिंग हुई.
- 2014 के चुनाव में 83.40 करोड़ मतदाता थे और 66.44 प्रतिशत वोटिंग हुई.
- 2019 के चुनाव में 91.20 करोड़ मतदाता थे और 67.40 प्रतिशत वोटिंग हुई.
- इस ट्रेंड के मुताबिक अनुमानत: 30 करोड़ वोटर वोटिंग नहीं करते.
- इसमें बहुत बड़ा हिस्सा घरेलू माइग्रेंट वोटर्स का है.
- ऐसे में भारत निर्वाचन आयोग जल्द ही देश भर में रिमोट वोटिंग पद्धति लागू करने जा रहा है.
- जिससे वोटर रिमोट क्षेत्र से ही अपने संबंधित विधानसभा या लोकसभा क्षेत्र से वोटिंग कर सकेगा.
क्या है रिमोट वोटिंग पद्धति?
सार्वजनिक उपक्रम की ओर से विकसित नई तकनीक वाली M3 EVM एक रिमोट पोलिंग बूथ से 72 लोकसभा या विधानसभा क्षेत्रों में मतदान प्रक्रिया करवा सकती है. रिमोट EVM या RVM सिस्टम से मतदाता बिना अपने गृह जिले जाए वहां से वोटिंग कर सकता है जहां वह काम कर रहा है या जहां प्रवासी के रूप में रह रहा है. इसके लिए आयोग विशेष रिमोट वोटिंग बूथ स्थापित करेगा.
विशेष रिमोट पोलिंग बूथ को किसी राज्य विशेष में पायलट आधार पर बनाया जा सकता:
इसके जरिये किसी राज्य विशेष का वोटर उस बूथ से अपने गृह जिले के संबंधित विधानसभा या लोकसभा क्षेत्र के लिए वोटिंग कर सकेगा. विशेष रिमोट पोलिंग बूथ को किसी राज्य विशेष में पायलट आधार पर बनाया जा सकता है. इस तरीके से वोटर को वोटिंग के लिए अपने गृह क्षेत्र या गृह जिले में जाने की जरूरत नहीं होगी. इस नए सिस्टम का राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के सामने 16 जनवरी 2023 को प्रजेंटेशन होगा. इस नए सिस्टम को लागू करने से पहले 31 जनवरी तक सुझाव और आपत्तियां लिए जाएंगे.