VIDEO: तमिलनाडु में IHHA का 11वां वार्षिक कन्वेंशन, राजस्थान के हेरिटेज होटल ओनर्स ने की अपनी ब्रॉन्डिंग, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर : वर्तमान में भारत की जीडीपी में पर्यटन क्षेत्र का सिर्फ 5 फीसदी योगदान है, जबकि थाईलैंड और तुर्की जैसे देशों का योगदान क्रमशः 23 प्रतिशत और 11 प्रतिशत है. किसी भी देश के लिए जो स्ट्रैटेजिक लक्ष्य है उसके अनुसार इस 10 फ़ीसदी तक बढ़ाया जाने की जरूरत है. तब जाकर अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क तक पहुंचा जा सकेगा आज तमिलनाडु के स्वामी मलाई में इंडियन हेरिटेज होटल एसोसिएशन के कन्वेंशन में इस पर महत्वपूर्ण चर्चा हुई.

आज के सम्मेलन में चर्चा के दौरान लोकप्रिय पर्यटक स्थलों पर भीड़भाड़ कम करना, नए गंतव्यों का विकास करना, प्रमुख मार्केट्स के लिए हवाई कनेक्टिविटी में सुधार करना और साथ ही छुट्टी मनाने आने वाले और बिजनेस ट्रैवलर्स दोनों के लिए होटलों को अधिक आकर्षक बनाना शामिल है. इसके अतिरिक्त, राज्यों को 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' में सुधार लाने और निवेश के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. ये विचार भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव, डॉ. सुमन बिल्ला ने तमिलनाडु के तंजावुर में इंडेको होटल स्वामीमलाई, कुंभकोणम में आयोजित इंडियन हेरिटेज होटल्स एसोसिएशन के 11वें वार्षिक कन्वेंशन के उद्घाटन समारोह के दौरान साझा किए. 

हेरिटेज के बारे में विशेष रूप से बोलते हुए, श्री बिल्ला ने इस बात पर जोर दिया कि भारत में विश्व स्तरीय हेरिटेज साइट्स मौजूद हैं, लेकिन इन स्थानों पर आगंतुकों के अनुभवों में अक्सर कमी रह जाती है. इस समस्या के समाधान के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और पर्यटन मंत्रालय को समग्र पर्यटन अनुभव को बढ़ाने के लिए साथ मिलकर कार्य करना चाहिए. आगंतुकों के लिए समृद्ध, गहन अनुभव सृजित करने में स्टोरीटैलिंग की कला महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, तथा व्याख्या केन्द्रों, संग्रहालयों और अन्य सुविधाओं के विकास से इन स्थलों की पूरी क्षमता को सामने लाने में मदद मिल सकती है.

इसके अतिरिक्त, बढ़िया भोजन, मनोरंजन और अन्य सुविधाओं को शामिल करने से अनुभव और भी बेहतर हो सकता है. इन स्मारकों के आसपास आजीविका को प्रोत्साहित करना आवश्यक है और साथ ही हेरिटेज के अनुकूल पुनः उपयोग के लिए एक मजबूत फ्रेमवर्क का निर्माण भी महत्वपूर्ण है. इन विरासत स्थलों के संरक्षण और विकास को सुनिश्चित करने के लिए संरक्षण परियोजना प्रस्तावों में तेजी लाने तथा अधिक निवेश आकर्षित करने की भी तत्काल आवश्यकता है.

पुडुचेरी सरकार के पर्यटन मंत्री के. लक्ष्मीनारायणन ने कहा कि इस वर्ष के आईएचएचए कन्वेंशन की थीम 'रिवाइटलाइजिंग इंडियन हेरिटेज' अत्यधिक प्रासंगिक है, क्योंकि आईएचएचए ने देशभर में विश्व स्तरीय डेस्टिनेशन्स को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने पूरे देश में पर्यटन उत्पादों को बढ़ावा देने में आईएचएचए के सराहनीय प्रयासों की प्रशंसा की. उन्होंने एक अद्वितीय डेस्टिनेशन के रूप में पुडुचेरी पर प्रकाश डाला, जो तमिल और यूरोपीय संस्कृतियों का खूबसूरत मिश्रण है. उन्होंने कहा कि सरकार ने हेरिटेज स्ट्रक्चर्स के रूप में संरक्षित करने के लिए 100 से अधिक इमारतों की पहचान की है. 

उन्होंने आगे बताया कि पुडुचेरी की एक सड़क को उसकी प्राचीन आर्किटेक्चरल विशेषताओं के अनुरूप पुनर्स्थापित करने के लिए पुडुचेरी को सांस्कृतिक विरासत संरक्षण परियोजना के लिए यूनेस्को द्वारा पुरस्कार भी प्रदान किया गया है. प्रेसिडेंट ऑफ ऑनर, आईएचएचए गज सिंह ऑफ जोधपुर ने कहा कि आईएचएचए के विजन का एक प्रमुख स्तंभ 'सस्टेनेबल प्रिजर्वेशन' रहा है. पर्यावरण अनुकूल निर्माण विधियों और जीर्णोद्धार तकनीकों को अपनाकर, हम पर्यावरणीय प्रभाव को न्यूनतम करते हुए विरासत स्थलों की लंबी उम्र सुनिश्चित करते हैं. ये प्रयास प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा करने, पर्यटन वृद्धि और संरक्षण के बीच सामंजस्यपूर्ण संतुलन बनाने पर केंद्रित हैं. उन्होंने कहा कि इंडेको स्वामीमलाई इस 'सस्टेनेबल प्रिजर्वेशन' का एक बेहतरीन उदाहरण है और अन्य होटलों को उनसे यह सीखना चाहिए. 

इंडियन हेरिटेज होटल्स एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी, गज सिंह अलसीसर ने कहा कि इस आईएचएचए कन्वेंशन का मुख्य उद्देश्य सरकार को एसोसिएशन की अपेक्षाओं से अवगत कराना है और साथ ही यह समझना है कि सरकार स्टेकहोल्डर्स से क्या अपेक्षाएं रखती है. उन्होंने सरकार से अपनी कुछ मांगों पर प्रकाश डाला, जिसमें राष्ट्रीय विरासत पर्यटन नीति विकसित करना, मौजूदा पर्यटन केंद्रों और आसपास के क्षेत्रों का पुनर्विकास करना, पर्यटन स्थलों तक पहुंच और कनेक्टिविटी में सुधार करना, अधिक 'आइकॉनिक साइट्स' और पर्यटन स्थलों की पहचान करना, देश भर में विरासत-समृद्ध क्षेत्रों को संरक्षित करने के लिए एक कोष आवंटित करना आदि शामिल है. 

पहले अपने स्वागत संबोधन में आईएचएचए के संयोजक और उपाध्यक्ष, स्टीव बोर्जिया ने विरासत स्थलों के प्रबंधन में स्थानीय समुदायों को शामिल करने के महत्व पर बल दिया. उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक हेरिटेज होटलों को इस प्रैक्टिस को अपनाना चाहिए, अपने उत्पादों का विपणन करना और स्थानीय समुदाय के लिए योगदान करना चाहिए.