नई दिल्लीः मुंबई में हुए 26 नवंबर 2008 आतंकी हमले की आज 15 वीं बरसी है. जिसने एक बार फिर से सभी के दिल पर लगे घाव को ताजा कर दिया है. पाकिस्तान से नाव में आए लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने करीब 60 घंटे तक मायानगरी को बंधक बनाए रखा था. आतंकियों ने इस दौरान 160 से ज्यादा लोगों की जान ले ली थी. हालांकि सुरक्षा के कड़े इंतजाम और पुलिस बल की मुश्तैदी के आगे आतंकियों को घुटने टेकने पड़े. और जवाबी कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने नौ आतंकियों को मौके पर ढेर कर दिया था. जबकि एक आतंकी अजमल कसाब जिंदा पकड़ा गया था.
इस मौके पर महाराष्ट्र के सीएम, राज्यपाल और डिप्टी सीएम समेत कई नेताओं ने शहीद स्मारक पर बहादुरों को पुष्पांजलि अर्पित की है. मुख्यमंत्री ने कहा, इस मौके पर हमने इस हमले में शहीद हुए पुलिसकर्मियों के परिवारों से मुलाकात की और उन्हें भरोसा दिलाया कि हम हमेशा उनके साथ हैं. मुंबई पर हुए आतंकी हमले को आज 15 साल हो गए हैं हालांकि इस हमले से मुंबई पुलिस बल को जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई कभी नहीं की जा सकती.
बता दें कि 26 नवंबर, 2008 को मुंबई में देश को दहला देने वाले आतंकी हमले में 166 लोग मारे गए थे और 600 से अधिक घायल हुए थे. ये हमले तीन दिन तक चले. आतंकियों ने दो फाइव स्टार होटल (होटल ताजमहल और ओबेरॉय होटल), छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (सीएसटी) रेलवे स्टेशन, लियोपोल्ड कैफे, कामा अस्पताल और यहूदी केंद्र नरीमन हाउस को निशाना बनाया था. इस दौरान नौ हमलावर आतंकवादियों को मार गिराया गया और मुम्बई पुलिस ने एक आतंकवादी कसाब को जिंदा पकड़ लिया, जिसे बाद में फांसी दी गई. इसके बावजूद पाकिस्तान ने लश्कर के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठाए थे.