गोद लिए गए 200 बच्चों को उनके अभिभावकों ने लौटा दिया- सरकार

नई दिल्ली: महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को राज्यसभा को बताया कि गोद लिए गए 200 बच्चों को उनके अभिभावकों ने लौटा दिया है. मंत्री ने उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी. 

उन्होंने बताया कि अभिभावकों ने गोद लिए गए 200 बच्चों को राज्य को वापस लौटा दिया है. उन्होंने कहा कि गोद लेने की प्रक्रिया को कठोर बनाया गया है और किसी बच्चे को गोद लिए जाने के बाद दो साल तक मामले की निगरानी (फॉलो-अप) की जाती है. उन्होंने कहा कि इस दौरान माता-पिता के साथ बच्चों से भी नियमित संपर्क रखा जाता है और गौर किया जाता है कि गोद लिए गए बच्चों को कोई परेशानी तो नहीं हो रही है.

साथ ही पुलिस व्यवस्था को शामिल किया गया:
ईरानी ने कहा कि इसके लिए बाल कल्याण समिति को भी मजबूत बनाने पर जोर दिया गया है. उन्होंने कहा कि गोद लिए जाने की प्रक्रिया से गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) को अलग कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि नए नियमन के तहत एनजीओ को प्रशासनिक कार्यों से अलग कर दिया गया है और जोर इस बात पर दिया गया है कि प्रशासन ही दायित्वों का निर्वहन करे. ईरानी ने कहा कि इस प्रक्रिया में जिलाधिकारी के साथ ही पुलिस व्यवस्था को शामिल किया गया है.

1200 लड़कों एवं 1856 लड़कियों को गोद लिया गया:
उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों के आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि भारत में गोद लिए जाने वाले लड़कों की अपेक्षा लड़कियों की संख्या अधिक है. 2021-22 में 1293 लड़के गोद लिए गए जबकि गोद ली जाने वाली लड़कियों की संख्या करीब 1690 थी. इसी प्रकार 2020-21 में 1200 लड़कों एवं 1856 लड़कियों को गोद लिया गया. उन्होंने कहा कि 2019-20 में 1400 लड़कों एवं 1938 लड़कियों को गोद लिया गया. सोर्स-भाषा