नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी के कई अन्य नेताओं ने केन्द्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के भारत बंद का सोमवार को समर्थन किया और कहा कि तीनों ‘काले कानूनों’ को वापस लिया जाना चाहिए.
राहुल गांधी ने कसा तंज:
राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि किसानों का अहिंसक सत्याग्रह आज भी अखंड है, लेकिन शोषण करने वाली सरकार को यह नहीं पसंद है, इसलिए आज भारत बंद है.
किसानों का अहिंसक सत्याग्रह आज भी अखंड है
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 27, 2021
लेकिन शोषण-कार सरकार को ये नहीं पसंद है
इसलिए #आज_भारत_बंद_है #IStandWithFarmers
प्रियंका गांधी वाद्रा का ट्वीट:
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीनों ‘काले कानून’ वापस लेना चाहिए. उन्होंने ट्वीट किया कि खेत किसान का, मेहनत किसान की, फसल किसान की, लेकिन भाजपा सरकार इन पर अपने खरबपति मित्रों का कब्जा जमाने को आतुर है. पूरा हिंदुस्तान किसानों के साथ है, नरेंद्र मोदी, काले क़ानून वापस लीजिए.
खेत किसान का
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 27, 2021
मेहनत किसान की
फसल किसान की
लेकिन, भाजपा सरकार इन पर अपने खरबपति मित्रों का कब्जा जमाने को आतुर है।
पूरा हिंदुस्तान किसानों के साथ है।@narendramodi काले क़ानून वापस लो।#IStandWithFarmers
सुरजेवाला ने किया ट्वीट:
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि लड़ाई लड़ेंगे फसलों की, अडिग रहेंगे, डटे रहेंगे, हे अहंकारी निर्दयी मोदी सरकार ! हमारे खेतों की चीख, और माटी की तड़प, तुम्हें सोने नही देगी. किसान के बेटे है, इस विराट आन्दोलन में तुम्हारे दमन, उत्पीड़न, हिंसा के खिलाफ सड़कों पर किसानों के साथ फसलों की लड़ाई लड़ेंगे. गौरतलब है कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने 27 सितंबर को ‘भारत बंद’ का ऐलान किया था. कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी दलों ने किसानों के भारत बंद का समर्थन किया है.
“तुम किसानों को सड़कों पर ले आये हो,
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) September 27, 2021
अब ये सैलाब हैं और सैलाब तिनकों से रूकते नहीं..
सोंधी ख़ुशबू की सबने क़सम खाई है,
और खेतों से वादा किया है कि जब,
जीत होगी तभी लौटकर जायेंगे”
-गौहर रज़ा#भारत_बंद #BharatBandh pic.twitter.com/J6lIvf1umu
देश के विभिन्न हिस्सों, विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान, पिछले साल नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारी केन्द्र के तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. किसानों को भय है कि इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) प्रणाली खत्म हो जाएगी.सरकार इन कानूनों को प्रमुख कृषि सुधारों के रूप में पेश कर रही है. दोनों पक्षों के बीच 10 दौर से अधिक की बातचीत हो चुकी है, लेकिन इनका कोई नतीजा नहीं निकला है. सोर्स-भाषा